जनता दल यूनाइटेड JD(U) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव( Sharad Yadav )का निधन हो गया है। 75 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली है। शरद यादव की बेटी ने ट्वीट कर जानकारी दी है। शरद यादव में गुरुग्राम के फोर्टिंस अस्पताल में आखिरी सांस ली। शरद यादव की बेटी सुभाषिणी यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि पापा नहीं रहे। जानकारी के अनुसार, गुरुवार रात 10.19 बजे फोर्टिस अस्पताल में शरद यादव का निधन हुआ। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के निधन के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें कि शरद यादव की तबीयत पिछले काफी दिनों से खराब चल रही थी। बताया जा रहा है कि गुरुवार देर शाम उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसके बाद उन्हें गुरुग्रम के फोर्टिंस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया।
शरद यादव ( Sharad Yadav )का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में किसान परिवार में हुआ था। किसान के घर जन्मे शरद पढ़ने लिखने में काफी तेज थे। छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वाले शरद यादव ने बिहार की राजनीति में भी बड़ा मुकाम हासिल किया था। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया था।
छात्र राजनीति से संसद तक का सफर तय करने वाले शरद यादव ने मध्य प्रदेश मूल का होते हुए भी अपने राजनीतिक जीवन की धुरी बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत से बनाई। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक दबदबा दिखाया और राष्ट्रीय राजनीति में अपना अलग स्थान बनाया।
शरद यादव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1971 से हुई थी। वे सात बार सांसद रहे तीन बार राज्य सभा सदस्य चुने गए। वे 27 साल की उम्र में पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट और बाद में बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से भी सांसद चुने गए।
बता दें शरद यादव ( Sharad Yadav )मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार प्रतिनिधित्व किया था। दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी संसद चुने गए थे। कहा जा सकता है कि शरद यादव संभवतः भारत के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने तीन राज्यों से लोकसभा के सदस्य के तौर पर चुने थे। शरद यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के ( NDA ) के संयोजक थे। हालांकि 2013 में उनकी पार्टी द्वारा एनडीए से अलग होने के बाद उन्होंने संयोजक पद से त्याग पत्र दे दिया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शरद यादव के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।’
शरद यादव के निधन की सूचना पाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दुख जताया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूं। उन्होंने कहा कि एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर,उन्होंने समानता की राजनीति को मज़बूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को गहरी संवेदनाएं।
Pained by the passing away of Shri Sharad Yadav Ji. In his long years in public life, he distinguished himself as MP and Minister. He was greatly inspired by Dr. Lohia’s ideals. I will always cherish our interactions. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2023