सीबीआई (CBI) ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक (Prof Vinay Pathak) के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उनके ऊपर आगरा (Agra) के डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में परीक्षा संचालन में कमीशनखोरी के आरोप लगे थे। गुरुवार को दिल्ली से सीबीआई अफसरों ने एसटीएफ मुख्यालय में इस मामले के विवेचक डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव से पूरे मामले की जानकारी ली। सीबीआई मुख्यालय से लखनऊ पहुंची टीम ने एसटीएफ से पाठक के खिलाफ अब तक की जांच से संबंधित दस्तावेज व केस डायरी अपने कब्जे में ले ली।
सूत्रों के मुताबिक, प्रोफेसर विनय पाठक (Prof Vinay Pathak)के मामले की जांच के लिए दिल्ली से आई दो टीमों में एक दिल्ली लौट गई, जबकि दूसरी टीम के तीन सदस्य लखनऊ में ही रुक गए। गुरुवार दोपहर आई सीबीआई टीम एसटीएफ मुख्यालय पहुंची। जहां मामले की जांच कर रहे डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव से पूरे मामले के दस्तावेज लिए। 29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्र के खिलाफ दर्ज इस मुकदमे की विवेचना के दौरान एसटीएफ की तीन टीमों ने कई तथ्य जुटाए थे।
सीबीआई (CBI)जांच की सिफारिश होते ही एसटीएफ ने इस प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों और बयानों की 103 पन्नों की फाइल तैयार कर ली थी। इस पूरी फाइल को भी सीबीआई को दिखा दिया गया। सीबीआई (CBI) दिल्ली की दो टीमों ने जांच शुरू कर दी है। एक टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं, जबकि दूसरी टीम एक इंस्पेक्टर के नेतृत्व में साक्ष्य जुटाएगी।
इसमें एक टीम दिल्ली लौट गई है कि जो वहां के अफसरों को अब तब की प्रगति का पूरा ब्योरा देगी। उधर, दूसरी टीम ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी और डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े कई दस्तावेजों पर अपनी जांच शुरू कर दी।इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डेविड मारियो ने प्रोफेसर विनय पाठक (Prof Vinay Pathak) और उसके करीबी अजय मिश्र के खिलाफ कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बाद में धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ गई थी।