लखनऊ ( Lucknow) के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान रेजिडेंट डॉक्टर अमित नायक( Dr. Amit Nayak ) का शव उनके घर में संदिग्ध हालत में मिला है। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला और शव अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव के पास कई इंजेक्शन भी पड़े मिले हैं। ऐसे में मौत किन कारणों से हुई है। डीसीपी नार्थ कासिम आब्दी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह केस सुसाइड का लग रहा है। फिलहाल, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के बाद ही सही कारणों की जांच होगी।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, डॉ.अमित नायक( Dr. Amit Nayak ) गोरखपुर के गगहा चवरियां गांव का रहने वाला था। ईएमओ डॉ. राहुल ने बताया कि अमित नायक एमबीबीएस एनेस्थीसिया पीजी प्रथम वर्ष (जेआर -1 ) का छात्र था। सीनियर डॉक्टर दीपक दीक्षित ने इमरजेंसी ड्यूटी के लिए अमित को करीब 6:30 बजे फोन किया तो फोन नहीं उठा। इस पर उन्होंने अपने कंसल्टेंट इंचार्ज दीपक को इसकी जानकारी दी।
ईएमओ ने बताया कि अमित के जानने वालों से उसके बारे में पता किया गया कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद डॉ. शुभेंदु, डॉ. शोएब और डॉ. अनिल मौके पहुंचे। डॉक्टरों ने खिड़की से झांक कर देखा तो अमित ( Dr. Amit Nayak )बेड पर अचेत अवस्था में पड़ा था। आननफानन पुलिस को सूचना दी गई। उसके शव को निकाल कर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमित के परिजन दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहते हैं।परिवार के लोग लखनऊ पहुंच गए हैं।”
डॉक्टरों ने बताया कि लोहिया में जूनियर से लेकर सीनियर डॉक्टर तक लगातार ड्यूटी से तनाव में हैं। वहीं दूसरी तरफ साथी डॉक्टरों ने इस बात की भी आशंका व्यक्त की है कि एनेस्थीसिया की ओवरडोज से अमित की मौत हुई है। इसकी वजह उन्होंने बताई कि अमित को कई दिन से छुट्टी नहीं मिल रही थी। इससे उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई थी।
शंका है कि तनाव के चलते उसने एनेस्थीसिया की ओवरडोज ले ली, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, पुलिस इस मामले में सभी एंगल पर जांच कर रही है। पुलिस अमित के मोबाइल की भी जांच करी है। ताकि, सुसाइड से पहले उसने क्या किया? किससे संपर्क किया? इसका पता लगाया जा रहा है।