Friday, September 20, 2024

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Uttar Pradesh : नहीं रहे राधास्वामी मत के पांचवे गुरू दादा जी महाराज,92 साल के गुरू जी ने आगरा के हजूरी भवन में ली अंतिम सांस,अनुयायियों में शोक की लहर

5th Guru of Radhasoami sect and former Agra University VC Prof. Agam Prasad Mathur passes away at 92
5th Guru of Radhasoami sect and former Agra University VC Prof. Agam Prasad Mathur passes away at 92  मत के पांचवे गुरु और आगरा विश्वविद्यालय  (के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर (Dadaji Maharaj) का आज पूर्वान्ह में निधन हो गया। दुनिया भर के राधास्वामी मत के अनुयायियों में शोक की लहर है। हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा में हर कोई राधास्वामी नाम का जाप कर रहा है। अंतिम यात्रा 27 जनवरी, 2023 को हजूरी भवन से ताजगंज मोक्ष धाम के लिए प्रस्थान करेगी

बताते चलें कि अगम प्रसाद माथुर का जन्म 27 जुलाई, 1930 को जन्मे ईश्वर की ख्याति धर्मगुरु, शिक्षाविद विचारक, इतिहासवेत्ता, ऑर्कियोलॉजिस्ट, लेखक, कवि, साहित्यकार के रूप में अधिक है। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं जिनके माध्यम से दुनिया भर के राधास्वामी मत के अनुयायी मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
राधास्वामी मत के अधिष्ठाता के रूप में दादाजी महाराज (Dadaji Maharaj)ने पूरे भारत का भ्रमण कर मत के सिद्धांतों से हर किसी को अवगत कराया। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में अनेक सुधार किए। महिलाओं को हर कार में प्राथमिकता दी। दादाजी महाराज ने सेंट जॉन्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। वह आगरा कॉलेज में इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रहे। उनके मार्गदर्शन में दर्जनों लोगों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

बताया कि दादाजी (Dadaji Maharaj)आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय में अनेक सुधार किए। यहां कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शुरू किया। हजूरी भवन का वर्तमान स्वरूप भी दादाजी महाराज की देन है। उनके द्वारा किए गए सुधार कार्य सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।आगरा में हजूरी भवन से जारी की गयी सूचना के अनुसार राधास्वामी सत्संग का आदि केंद्र हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा में स्थापित है। इसके अधिष्ठाता परम पुरुष पूरन धनी दादाजी महाराज (Dadaji Maharaj)प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर ने 25 जनवरी को चोला छोड़ दिया है। उनकी अंतिम यात्रा 27 जनवरी को हजूरी भवन से सुबह 10 बजे ताज गंज के लिए प्रस्थान करेगी।

हजूर महाराज का जन्म पीपल मंडी, आगरा में 14 मार्च, 1829 को कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता राय बहादुर उस समय के प्रसिद्ध वकील थे। राधास्वामी स्वामी के संस्थापक स्वामी जी महाराज ने हजूर महाराज को अपना उत्तराधिकारी बनाया। स्वामी जी महाराज के वे परमसेवक थे। 6 दिसम्बर, 1898 को उन्होंने हजूरी भवन में शरीर त्याग किया। हजूरी भवन में ही हजूर महाराज की समाध है। यहां प्रतिदिन सत्संग होता है। उसी पीढ़ी के वर्तमान आचार्य दादाजी महाराज थे ।

दादाजी महाराज (Dadaji Maharaj)ने सेंट जॉन्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। वे आगरा कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रहे। मार्गदर्शन में दर्जनों लोगों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है । आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। दादाजी महाराज ने कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय में अनेक सुधार किए। तमाम व्यावसायिक पाठ्यक्रम उन्हीं की देन है। हजूरी भवन का वर्तमान स्वरूप भी दादाजी महाराज की देन है। उनके द्वारा किए गए सुधार कार्य सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels