मध्यप्रदेश( Madhya Pradesh ) के विदिशा (Vidisha ) जिले में भाजपा नेता पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने अपने पूरे परिवार समेत जहर खाकर जान दे दी। मिश्रा दंपती अपने दोनों बेटों की लाइलाज बीमारी से परेशान थे। इसी से तंग आकर उन्होंने सामूहिक आत्महत्या कर ली।
गणतंत्र दिवस पर आई इस हृदय विदारक घटना की सूचना से लोग व्यथित हो गए। घटना गुरुवार शाम की बताई गई है। सूचना मिलते ही मिश्रा दंपती व दोनों बेटों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
दिल दहला देने वाली ये घटना विदिशा (Vidisha )जिले की है। यहां भाजपा के दुर्गानगर के मंडल उपाध्यक्ष और पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने अपने परिवार के साथ जहर खा लिया। जिसके बाद गंभीर हालत में दोनों बच्चों और पति-पत्नी को जिला अस्पताल लाया गया। जहां पहले दोनों बेटों और बाद में संजीव मिश्रा, फिर उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।
गुरुवार की शाम करीब 6 बजे बीजेपी नेता संजीव मिश्रा अपने घर पर परिवार के साथ थे। खुदकुशी से कुछ दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, उसमें लिखा – ईश्वर दुश्मन के बच्चों को भी ना दें यह बीमारी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डीएमडी । बताया जा रहा है कि इसके बाद संजीव मिश्रा ने परिवार सहित जहर खा लिया। मिश्रा की यह पोस्ट वायरल होते ही परिचित व रिश्तेदारों को किसी अनहोनी को अंदेशा हुआ और वे ताबड़तोड़ उनके घर पहुंचे। वहां मिश्रा दंपती व दोनों बेटों को गंभीर हालत में तड़पते हुए पाया।

मिश्रा के करीबियों के अनुसार जब वे उनके घर पहुंचे तो बाहर से दरवाजा बंद था। इसके बाद पड़ोसियों की मदद से मिश्रा के घर का दरवाजा तोड़ा गया। घर में संजीव मिश्रा, उनकी पत्नी नीलम मिश्रा, बेटा अनमोल (13) तथा सार्थक (7) बेहोश हालत में मिले। मिश्रा की पूरे परिवार समेत खुदकुशी की खबर मिलते ही विदिशा के भाजपा नेता व पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। विदिशा के भाजपा नेता इस घटना से बेहद व्यथित हैं। उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि मिश्रा ऐसा कदम उठा सकते हैं। विदिशा (Vidisha )जिले के एडिशनल एसपी समीर यादव ने कहा कि पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। जांच शुरू कर दी गई है। जांच में जो तथ्य आएंगे, उनके आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया है कि भाजपा नेता संजीव मिश्रा के दोनों बेटों को ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) बीमारी थी। यह दुर्लभ व घातक बीमारी है। इसमें मांसपेशियों की कमजोरी आने से पीड़ितों का सामान्य जीवन मुश्किल हो जाता है।