Friday, September 20, 2024

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परीक्षा पर चर्चा में क्रिकेट और गुगली का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेशर टालने का मंत्र दिया- दर्शक चौका-छक्का चिल्लाते हैं पर बैट्समैन गेंद देखकर शॉट खेलता है

PM Modi gives pressure-avoiding mantras to students during 'Pareeksha pe charcha'

PM Modi gives pressure-avoiding mantras to students during 'Pareeksha pe charcha'  ( ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्टूडेंट्स से ‘परीक्षा पे चर्चा'( Pariksha Pe Charcha)कार्यक्रम में बातचीत की। दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में मोदी ने परीक्षा और जीवन में तनाव पर बच्चों के सवालों के जबाव दिए। ‘एग्जाम में परिवार की निराशा से कैसे निपटूं’ पर छात्रों को टिप्स दी।

प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी  (PM Modi ) ने घर में मां के मैंनेजमेंट, क्रिकेट की गुगली, पतंग का मांझा, पार्लियामेंट में सांसदों की नोकझोक जैसे उदाहरण देकर बच्चों को समझाया। जब एक छात्र ने एग्जाम में दबाव पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘परिवार के दबाव से दबाव में ना आएं। कभी क्रिकेट देखने गए होंगे, तो कुछ बैट्समैन आते हैं तो पूरा स्टेडियम चिल्लाना शुरू करता है- चौका-चौका, छक्का-छक्का। क्या वो ऑडियंस की डिमांड के ऊपर चौके-छक्के लगाता है? चिल्लाते रहें, बैट्समैन का ध्यान बॉल पर ही होता है। बॉलर के माइंड को स्टडी करने की कोशिश करता है। जैसी बॉल है वैसा ही खेलता है। फोकस रहता है।’

परीक्षा पे चर्चा ‘( Pariksha Pe Charcha)कार्यक्रम का यह छठा संस्करण है। इस प्रोग्राम के लिए 20 लाख से अधिक प्रश्न प्राप्त हुए।

पटना से प्रियंका कुमारी, मदुरई से अश्विनी, दिल्ली से नवतेज- अगर नतीजे अच्छे न हों तो परिवार की निराशा से कैसे निपटूं? आजकल छात्र हाथ काट ले रहे हैं, वो अपनी भावनाओं को लेकर दूसरों पर भरोसा नहीं करते हैं?

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) – ‘अश्विनी आप क्रिकेट खेलती हैं। क्रिकेट में गुगली होती है। निशाना एक होता है, दिशा दूसरी होती है। लगता है कि आप पहली बार में मुझे आउट करना चाहती हो। अगर परिवार के लोगों की अपेक्षाएं हैं तो ये स्वाभाविक है। इसमें कुछ गलत भी नहीं है, लेकिन अगर परिवार के लोग अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण कर रहे हैं तो वो चिंता का विषय है। उनका सोशल स्टेटस का इतना दबाव है कि उन्हें लगता है कि बच्चों के लिए सोसाइटी में क्या बताएंगे। बच्चे कमजोर हैं तो कैसे चर्चा करेंगे। मां-बाप आपकी क्षमता जानने के बावजूद सोशल स्टेटस के कारण क्लब-सोसाइटी में जाते हैं तो बच्चों की बातें करते हैं। उन्हें कॉम्प्लेक्स आता है। बड़ी-बड़ी बातें बताते हैं अपने बच्चों के बारे में। घर में आकर वही अपेक्षा करते हैं। समाज जीवन में यह सहज हो गया है।’

‘आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आपसे नई अपेक्षा करेगा। हम तो राजनीति में हैं। कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें, ऐसा दबाव पैदा किया जाता है कि हमें हारना ही नहीं है। 200 लाए हैं तो ढाई सौ क्यों नहीं लाए, ढाई सौ लाए तो तीन सौ क्यों नहीं लाए। चारों तरफ से दबाव बनता है। हमें इन दबावों से दबना चाहिए क्या? आपको जो कहा जाता है, उसी में आप अपना समय बर्बाद कर देंगे गया अपने भीतर अपनी क्षमता, इरादे और सपने देखेंगे। कभी क्रिकेट देखने गए होंगे, तो कुछ बैट्समैन आते हैं और पूरा स्टेडियम चिल्लाना शुरू करता है- चौका-चौका, छक्का-छक्का, क्या वो ऑडियंस की डिमांड के ऊपर चौके-छक्के लगाता है? चिल्लाते रहें, बैट्समैन का ध्यान बॉल पर ही होता है। बॉलर के माइंड को स्टडी करने की कोशिश करता है। जैसी बॉल है वैसा ही खेलता है। फोकस रहता है। आप भी फोकस रहोगे तो दबाव को आप झेल लेंगे। संकट से बाहर आ जाएंगे। दबावों के दबाव में ना रहें, दबाव को एनालिसिस करिए। स्वयं को अंडरएस्टीमेट तो नहीं कर रहे हैं, ये सोचिए। बच्चों को अपनी क्षमता से खुद को कम नहीं आंकना चाहिए। पक्का विश्वास है कि ऐसी समस्याओं को आराम से सुलझा लेंगे।’

गुरुग्राम से जोहिता- एवरेज स्टूडेंट होने के बाद भी मैं पढ़ाई पर कैसे फोकस कर सकती हूं?
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) – सबसे पहले बधाई देता हूं कि आपको पता है कि आप एवरेज हैं। वरना ज्यादातर होते हैं जो बिलो एवरेज होते हैं और खुद को तीसमारखां समझते हैं। एक बार आपने सत्य को स्वीकार कर लिया कि आपकी एक क्षमता और स्थिति है, इसी के अनुकूल होना होगा। तीसमारखां बनने की जरूरत नहीं। अपने सामर्थ्य को जान लेते हैं तो सबसे बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं। जो खुद की क्षमता नहीं जानते, उन्हें बहुत सारी रुकावटें आती हैं। ईश्वर ने आपको शक्ति दी, टीचर्स ने दी और मां-पिता ने शक्ति दी। आप बच्चों का सही मूल्यांकन करिए। उनमें हीन भावना मत पैदा होने दीजिए। कभी कभी महंगी चीज लानी है तो आप बोल दो कि घर की इतनी ताकत नहीं है। इसमें कुछ बुरा नहीं है। हम एक सामान्य स्तर के व्यक्ति हैं। ज्यादातर सामान्य ही होते हैं। एक्स्ट्रा ऑर्डनरी बहुत कम होते हैं।’

चंबा से आरुषि ठाकुर, रायपुर से अदिति – परीक्षा के दौरान सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात है कि पढ़ाई कहां से शुरू करूं। हमेशा लगता है सब कुछ भूल गई हूं, ये काफी तनाव देता है?

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) – ‘सिर्फ परीक्षा नहीं, जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट के लिए जागरूक रहना चाहिए। काम में देर इसलिए होती है, क्योंकि वक्त पर वो किया नहीं जाता। काम करने की कभी थकान नहीं होती। उससे संतोष होता है। काम ना करने से थकान लगती है। सामने दिखता है कि इतना सारा काम है। आप कभी कागज पर पेन-पेंसिल लेकर डायरी पर लिखिए। हफ्ते भर नोट कीजिए कि आप अपना समय कहां बिताते हैं। पढ़ाई करते हैं तो कितना समय किस विषय को देते हैं। शॉर्टकट ढूंढते हैं, कि बेसिक में जाते हैं। आपको पता चलेगा कि पसंद की चीजों में सबसे ज्यादा समय लगाते हैं। उसी में खोए रहते हैं। जरूरी विषय बोझ लगते हैं। आप सिर्फ पढ़ना है, पढ़ने में भी जब फ्रेश माइंड है, तब सबसे कम पसंद और कठिन विषयों को देखिए। फिर पसंद वाला, फिर थोड़ा कम पसंद वाला विषय। ऐसे आपको रिलैक्सेशन मिलेगा और तैयारी भी होगी।’

‘मुझे पतंग का बहुत शौक था। पतंग का जो मांझा होता है, उलझकर गुच्छा बन जाता है। धीरे-धीरे एक-एक तार को पकड़कर उसे सुलझाना होता है। धीरे-धीरे बड़ा गुच्छा भी आराम से खुल जाएगा। हमें भी जोर-जबरदस्ती नहीं करनी है। समाधान आराम से निकालना है। अगर ऐसा करेंगे तो ये हो जाएगा। कभी घर में मां को काम करते देखा है क्या। अच्छा लगता है कि स्कूल जाना है, स्कूल से आना है…मां सब रेडी करके रखती है। मां का टाइम मैनेजमेंट कितना बढ़िया है। सबसे ज्यादा काम मां ही करती रहती है। किसी काम में उसे बोझ नहीं लगता। उसे मालूम है कि मुझे इतने घंटे में ये काम करना ही है। एक्स्ट्रा टाइम में भी वो कुछ ना कुछ क्रिएटिव करती रहेगी। अगर मां को ढंग से ऑब्जर्व करेंगे तो आपको छात्र के तौर पर टाइम मैनेजमेंट कर लेंगे। माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा।’

परीक्षा पे चर्चा ‘( Pariksha Pe Charcha)कार्यक्रम  में प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि स्‍टूडेंट जब कोई सवाल पूछता है तो वह आपकी परीक्षा नहीं लेना चाहता, यह उसकी जिज्ञासा है। किसी भी जिज्ञासु बच्‍चे को टोकें नहीं। अगर जवाब नहीं भी आता है तो उसे प्रोत्‍साहित करें कि तुम्‍हारा प्रश्‍न बहुत अच्‍छा है। इसका जवाब मैं तुम्‍हें कल दूंगा और इस दौरान मैं खुद इसका जवाब ढ़ूंढूंगा।

It is an absolute delight to be among my young friends! Join #ParikshaPeCharcha. https://t.co/lJzryY8bMP

— Narendra Modi (@narendramodi) January 27, 2023

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels