पंजाब (Punjab) के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को लीड करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बराड़( Lt Gen Kuldip Singh Brar) ने 39 साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जरनैल सिंह भिंडरावाला के बारे में बयान दिया है। कुलदीप बराड़ ने स्पष्ट कहा कि भिंडरावाला को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शह मिली थी और उसे रोकने में देरी की गई।
जनरल बराड़ ( Gen Kuldip Singh Brar)ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू देते हुए कहा कि पंजाब का माहौल बिगड़ रहा था। खालिस्तान की मांग उठने लगी थी। भिंडरावाला का पंजाब में रुतबा बढ़ने लगा था।
भिंडरावाला को केंद्र सरकार की पूरी शह मिल रही थी। साल भर साल भिंडरावाला अर्श तक पहुंच चुके थे और यह सब इंदिरा गांधी के सामने हो रहा था। 1980 तक सब ठीक था। 1981 से 84 तक पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति काफी अधिक बिगड़ रही थी। हर जगह लूट मार, डकैतियां और कत्ल हो रहे थे।
जब भिंडरावाला ऊंचाइयों तक पहुंचा, तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हमला करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं, ब्लू स्टार ऑपरेशन के समय उन्हें चुना गया था। उन्हें यह सोच कर चुना गया था कि जनरल कुलदीप एक सैनिक हैं। एक बार भी यह नहीं देखा गया कि वह एक सिख हैं, हिंदू हैं या पारसी हैं। उन्हें इस ऑपरेशन का कोई दुख नहीं है।

जनरल बराड़ ( Gen Kuldip Singh Brar)ने अपने इंटरव्यू में तब के हालातों के बारे में बताते हुए कहा कि 1982 से 84 तक भिंडरांवाले अधिक स्ट्रांग हो चुका था। पंजाब पुलिस और डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन उससे डरती थी। उसके आदेश अंतिम आदेश होते थे। डीआईजी को मार कर गोल्डन टेंपल के बाहर फैंकने की घटना ने तो पुलिस को और डरा दिया था।
जनरल बराड़ ने जानकारी दी कि आर्मी के इस ऑपरेशन में पुलिस को नहीं जोड़ा गया था। आर्मी को डर था कि पुलिस भी खालिस्तान का समर्थन करेगी। इसलिए आर्मी ने पुलिस को डिस-आर्म कर दिया था। सरहद पर आर्मी खड़ी कर बॉर्डर सील किया गया ताकि पाकिस्तान आर्मी इसका फायदा उठाने की कोशिश ना करे। इनपुट थी कि जैसा भारत ने बंगलादेश में किया, पाकिस्तान आर्मी भारत के पंजाब में कर सकती है।
यह पूछे जाने पर कि आपको बंदूक चलाने वालों की पोजीशंस के बारे में नहीं मालूम था? जवाब आया- नहीं…यह ठीक उसी तरह से था, जैसे किसी बॉक्सर को रिंग में उसका एक हाथ पीछे बांध कर उतार दिया जाए और फिर उससे कहा जाए कि एक हाथ से फाइट करो। ऐसा इसलिए, क्योंकि उस समय हमारे पास सारे संसाधन नहीं थे।
जनरल बराड़ ने कहा कि 80 के दशक में जब भिंडरांवाला का कद बढ़ रहा था, तब किसी भी कांग्रेसी-अकाली ने इसकी तरफ ध्यान नहीं था। उनके अपने राजनीतिक मकसद थे, वे सभी उसी में उलझे रहे और भिंडरावाला का कद बढ़ता रहा।
गोल्डन टेंपल में ऑपरेशन ब्लू स्टार को हुए चाहे 39 साल हो चुके हैं, लेकिन जनरल बराड़ के इस बयान के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल बढ़ने के आसार हैं। इतने सालों के बाद भी सिख समुदाय में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर रोष है।
1984 में कुलदीप बराड़ ( Gen Kuldip Singh Brar)की अगुआई में ही सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। गोल्डन टेंपल के अंदर छिपे कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारतीय सेना सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक स्वर्ण मंदिर में दाखिल हुई। इस कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए।
मरने वालों में जरनैल सिंह भिंडरावाला भी था जिसके नेतृत्व में कट्टरपंथी सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान की मांग कर रहे थे। इस सैन्य कार्रवाई में 492 लोगों की जान गई थी। सेना के 4 अफसरों समेत 83 जवान शहीद हुए थे। जनरल बराड़ 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के भी हीरो थे। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में प्रवेश करने वाले वह पहले भारतीय सैनिकों में से एक थे।
ANI Podcast with Smita Prakash | EP-36 | Never before heard stories from the man who led Operation Blue Star – Lt Gen Kuldip Singh Brar#ANIPodcastWithSmitaPrakash #KuldipSinghBrar #SmitaPrakash
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— ANI (@ANI) January 30, 2023