देश में माघ पूर्णिमा( Magh Purnima 2023) के अवसर गंगा घाटों पर पुण्य योग में गंगा स्नान के लिये आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा प्रयागराज (Prayagraj ) , हरिद्वार (Haridwar ), वाराणसी समेत देशभर में करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र डुबकी लगायी।
हिन्दू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। शास्त्रों में माघ महीना भगवान विष्णु का माह माना जाता है, और इस माह को मासों का राजा भी कहा जाता है। इस अवसर पर गंगा स्नान करने को पुण्यकारक माना जाता है।
प्रयागराज में माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima ) पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा। डुबकी लगाने के लिए शनिवार की रात संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व पर हर तरफ से रेला उमड़ पड़ा। संगम समेत गंगा के घाटों पर आधी रात से ही डुबकी लगने लगी।
आखिरी डुबकी लगाने के साथ ही कल्पवासी विदा होने लगे। पांचवें बड़े स्नान पर्व को देखते हुए मेला प्रशासन ने संगम समेत गंगा के 17 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है। काली घाट, राम घाट, ओल्ड जीटी, महावीर घाट के अलावा संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।देर रात लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच चुके थे। इसी के साथ डुबकी भी लगने लगी। भोर में कल्पवासियों समेत श्रद्धालुओं का रेला निकलने लगा। इससे पहले त्रिवेणी, काली मार्ग के अलावा सभी पांटून पुलों पर आस्थावानों की लंबी कतारें लग गईं।
रविवार को धर्मनगरी हरिद्वार में माघ पूर्णिमा का स्नान करने के लिए सुबह से ही गंगा घाटों पर आना शुरू हो गया था। जिला प्रशासन और मेला पुलिस द्वारा माघ पूर्णिमा स्नान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले जातकों को सुख-सौभाग्य और संतान सुख प्राप्त होता है।
माघ पूर्णिमा( Magh Purnima ) पर दान, हवन, व्रत और जप किए जाते हैं। इस पर्व के बार में पुराणों में कहा गया है जो इस अवसर पर गंगा में स्नान करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। आज के दिन गंगा स्नान करते समय मां गंगा के मन्त्र का जाप करना चाहिए। जिससे जातक को सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।