Wednesday, July 03, 2024

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विक्टोरिया गौरी ने मद्रास हाई कोर्ट में जज के पद पर शपथ ली, सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज की 

Victoria Gowri takes oath as  Madras High Court judge, Supreme Court  later quashes pleas against her appointment

Victoria Gowri takes oath as  Madras High Court judge, Supreme Court  later quashes pleas against her appointmentएडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी(Lakshmana Chandra Victoria Gowri)  ने मंगलवार को )में अतिरिक्त जज के तौर पर शपथ ली। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली को भी खारिज कर दिया है।

एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी(Lakshmana Chandra Victoria Gowri) को मद्रास हाई कोर्ट की जज बनाने के खिलाफ याचिका    (  )  ने खारिज कर दी है। गौरी के खिलाफ वकील ने उनके पॉलिटिकल बैकग्राउंड का हवाला देते हुए दलील दी कि जज की शपथ लेने वाले व्यक्ति की संविधान में पूरी आस्था होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले भी ऐसे मौके आए हैं, जब पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले लोग सुप्रीम कोर्ट में भी जज बने।करीब 22 मिनट सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

गौरी (Lakshmana Chandra Victoria Gowri) के अपॉइंटमेंट के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट 22 वकीलों के ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा था कि गौरी भाजपा नेता हैं। वकीलों ने कहा था कि विक्टोरिया गौरी ने इस्लाम को हरा आतंक और ईसाई को सफेद आतंक जैसे बयान भी दिए थे।

पहले CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 फरवरी को मामले पर सुनवाई करने की बात कही थी, लेकिन एडवोकेट राजू के अनुरोध पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गई। वकीलों ने कॉलेजियम और राष्ट्रपति को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।

22 वकीलों ने कॉलेजियम और राष्ट्रपति को लेटर लिखकर उन्हें जज न बनाने की मांग की थी। वकीलों का कहना था कि गौरी (Lakshmana Chandra Victoria Gowri) भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव हैं। उन्हें जज बनाने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही वकीलों ने लेटर में गौरी के विवादित बयानों का भी जिक्र किया था।

वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने कहा, “गौरी के हाईकोर्ट जज बनाए जाने के रिकमंडेशन को खारिज कर दिया जाना चाहिए। जो भी जज शपथ लेने जा रहा है, उसके लिए यह बेहद जरूरी है कि उसकी संविधान में पूरी आस्था हो। गौरी जो बयान पब्लिक में देती रही हैं, उससे वो शपथ लेने के लिए अयोग्य साबित हो जाती हैं। मामला मद्रास हाईकोर्ट की नजर में था। फिर 10.35 पर शपथ? 10.35 का क्या महत्व है? अदालत 5 मिनट में फैसला करेगी?”

हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह कॉलेजियम से सिफारिश पर पुनर्विचार के लिए नहीं कह सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एडिशनल जज को स्थायी जज के तौर पर नियुक्ति नहीं मिली क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं थी।

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां खास राजनीतिक जुड़ाव वाले लोगों को नियुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य पेश किए गए हैं, वह साल 2018 में दिए एक भाषण के हैं और हमें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भी विक्टोरिया गौरी के नाम की सिफारिश करने से पहले इन्हें देखा होगा। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि ‘कोर्ट में जज बनने से पहले मेरा भी राजनीतिक जुड़ाव रहा है लेकिन मैं 20 सालों से जज हूं और मेरा राजनीतिक जुड़ाव मेरे काम के आड़े नहीं आया है’।

Victoria Gowri takes oath as  Madras High Court judge, Supreme Court  later quashes pleas against her appointment

  

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels