केरल( Kerala ) के कोल्लम( Kollam)जिले के साक्षरता कार्यकर्ता ईएस बीजूमन ( ES Bijumon)ने कथित तौर पर मानदेय न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पठानपुरम निवासी बीजूमन (49 वर्षीय) केरल साक्षरता प्रेरक संघ से 20 वर्षों से जुड़े थे। बीजूमन प्रखंड स्तर के साक्षरता कार्यकर्ता थे और श्रेष्ठ साक्षरता प्रेरक के तौर पर राष्ट्रपति से पुरस्कार पा चुके थे।
पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज संगठन के साक्षरता कार्यकर्ता (प्रेरक) सचिवालय के सामने 82 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य साक्षरता प्रेरक संघ के सचिव एए संतोष ने कहा, साक्षरता कार्यकर्ताओं का वर्ष 2017 में सार्वजनिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरण हो गया था। इसके बाद न सिर्फ उनके वेतन कम हो गए, बल्कि तनख्वाह का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है।
संगठन के जिला सचिव सीराज ने कहा, बीजूमन ( ES Bijumon)कहा करते थे कि किसी को बलिदान देना होगा, तभी न्याय मिलेगा। विपक्षी कांग्रेस व भाजपा ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार को घेरते हुए साक्षरता प्रेरकों की समस्याओं के जल्द से जल्द समाधान की अपील की है।
साक्षरता कार्यकर्ता की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस और भाजपा ने राज्य की वाम सरकार की कड़ी आलोचना की और राज्य में ‘साक्षरता प्रेरकों’ के लंबित मानदेय के वितरण के लिए सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
इस घटना को ‘दर्दनाक’ करार देते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर आंदोलनकारी कर्मचारियों के वेतन के शीघ्र वितरण की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मृतक साक्षरता कर्मी के परिवार की सुरक्षा के लिए कदम उठाए।
पत्र में सतीशन ने कहा कि वह शुक्रवार को बिजूमन की मां और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने गए थे और वे इस बात पर दुख जता रहे थे कि वेतन का भुगतान नहीं होने और उसके बाद की वित्तीय परेशानियों के कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा कि ईएस बिजूमन ( ES Bijumon) की मां ने कहा कि उनका बेटा इतनी बुरी हालत में था कि वह एक दिन के लिए भी सब्जी नहीं खरीद सकता था।