राजस्थान ( Rajasthan ) के जयपुर ( Jaipur ) में 53 साल के फाइनेंसर आनंद सिंह ने पुलिस से परेशान हो कर ट्रेन के आगे कूद आत्महत्या कर ली ।आनंद सिंह के सुसाइड नोट में पुलिस प्रताड़ना का जिक्र किया है। घटना के बाद मंगलवार को एसएचओ हुकम सिंह को निलंबित कर दिया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जयपुर ( Jaipur ) ट्टा बस्ती एसएचओ हुकम सिंह उनके मकान पर दूसरे को कब्जा करवाना चाहते थे। पुलिस प्रशासन ने हुकम सिंह को सस्पेंड कर दिया है। ACP (झोटवाड़ा) प्रमोद स्वामी ने बताया कि आनंद सिंह पुत्र नरपत सिंह राठौड़ सुभाष कॉलोनी शास्त्री नगर के रहने वाले थे। आनंद सिंह फाइनेंस का काम करते थे। वह पत्नी और तीन बच्चे रिया (21), कुनाल (20) और सिया (14) के साथ रहते थे। सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे आनंद ने बेटे कुनाल को एक लेटर दिया। इसके बाद घर से बाइक लेकर निकल गए। कुनाल ने लेटर खोलकर देखा तो उसमें सुसाइड नोट था। वह पिता को रोकने के लिए पीछे भी भागा, लेकिन वो नहीं रुके। कुनाल ने तुरंत परिवार के सदस्यों को इसकी सूचना दी।
परिवार के सभी सदस्य आनंद को ढूंढने में जुट गए। सोमवार शाम करीब 5 बजे आनंद ने खिरणी फाटक के पास ट्रेन के आगे छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया था। सुसाइड की सूचना पर झोटवाड़ा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए। बॉडी की पहचान आनंद के रूप में हुई। इतने में आनंद को ढूंढ रहा परिवार सूचना मिलते ही खिरणी फाटक जा पहुंचा। यहां रेलवे ट्रैक पर आनंद सिंह का शव पड़ा था।
सुसाइड नोट में लिखा है-मैं आनंद सिंह यह लेटर लिख रहा हूं। मुझ पर और मेरे भाई सरदार सिंह पर भट्टाबस्ती थाना SHO हुक्म सिंह व लक्ष्मी नारायण गुर्जर मेरे प्लॉट नंबर- 2A-91 ओम शिव कॉलोनी को हड़पने के लिए खाली करने का भारी दबाव बनाया जा रहा है। उक्त प्लॉट मेरे पिताजी स्व. नरपत सिंह राठौड़ ने इकरारनामा के जरिए पूर्ण राशि 70 हजार देकर 1987 में खरीदा था। प्लॉट का निर्माण मेरे पिताजी ने करवाया व नल-बिजली का कनेक्शन अपने नाम से 20-25 साल पहले करवा लिया था, जो आज दिनांक तक उन्हीं के नाम से चालू है।
जयपुर ( Jaipur ) में प्लॉट को हड़पने की नीयत से लक्ष्मी नारायण गुर्जर व उसके बेटे गोविंद रावत, बेटी नायब तहसीलदार और नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर गलत जानकारी देकर प्रशासन संग कैम्प में इसका पट्टा निकलवाकर मेरे और भाई पर 50 लाख रुपए देने का दबाव बना रहे हैं। उक्त दबाव को मैं सहन नहीं कर पा रहा हूं। दबाव में आकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी इस कायरपूर्ण कार्यवाही के लिए उपरोक्त सभी लोग जिम्मेदार हैं।
आनंद सिंह के परिवार ने बताया- साल 1987 में ओम शिव कॉलोनी में पिता नरपत सिंह राठौड़ ने लक्ष्मी नारायण गुर्जर से प्लॉट खरीदा था। एग्रीमेंट कर प्लॉट के एवज में रकम भी लक्ष्मी नारायण को दे दी थी। एग्रीमेंट के बाद आरोपी लक्ष्मी नारायण गुर्जर ने रजिस्ट्री करवाने की कही थी। इसके बाद लक्ष्मी नारायण बिना बताए कहीं चला गया। एग्रीमेंट की मियाद निकल जाने के कारण रजिस्ट्री भी नहीं हुई। साल 2003 में लक्ष्मी नारायण गुर्जर वापस आया। उसने अपनी बेटी नायब तहसीलदार की मदद से प्लॉट का फर्जी पट्टा निकलवा लिया। उसके बाद ब्लैकमेल कर 10 लाख से स्टार्ट कर 50 लाख रुपए तक की डिमांड करने लगा।
आनंद सिंह के बेटे कुनाल ने पिता के सुसाइड नोट को झोटवाड़ा थाना पुलिस को सौंप दिया। सुसाइड नोट में SHO भट्टा बस्ती हुकम सिंह का नाम होने पर सीनियर अफसरों को जानकारी दी गई। परिवार की शिकायत पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया। पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर मंगलवार शाम हुकम सिंह को सस्पेंड कर दिया।