मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर (Sehore )स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav )के पहले दिन भारी भीड़ के कारण हालात बेकाबू हो गए। रुद्राक्ष लेने के चक्कर में भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई है। एक महिला की मौत हो गई।
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर जिला स्थित कुबेरेश्वर धाम में शिव महापुराण कथा और रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav ) शुरू हो गया है। रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में करीब दस लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इसके चलते इंदौर-भोपाल हाईवे पर जाम लगा है। करीब बीस किलोमीटर जाम लग गया है। भीड़ की वजह से भगदड़ जैसे हालात बने हैं। कई लोग चक्कर खाकर गिरे। पुलिस ने प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं। दस से अधिक महिलाएं गुम बताई जा रही हैं।
पुलिस ने एक महिला की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव से आई मंगला बाई पति गुलाब (50) की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे चक्कर आया और वह गिर पड़ी।
रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav ) में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से भोपाल-इंदौर हाईवे पर बीस किलोमीटर लंबा जाम लगा है। कुबेरेश्वर धाम से चौपाल सागर तक भोपाल की ओर लंबा जाम है। इतना लंबा जाम लगने के बाद भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। भोपाल और इंदौर दोनों तरफ से लोग लगातार कुबेरेश्वर धाम पहुंच रहे हैं।
रुद्राक्ष वितरण के लिए चालीस काउंटर बनाए गए हैं। भीड़ को देखते हुए एक दिन पहले यानी बुधवार से ही रुद्राक्ष वितरण शुरू हो गया था। पहले दिन करीब डेढ़ लाख रुद्राक्ष बांटे गए। अब तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष बांटे गए हैं। गुरुवार को रुद्राक्ष के लिए दो-दो किमी लंबी कतार लगी है। दो लाख से अधिक लोग तो कतार में ही लगे होने का अनुमान है। भीड़ को रोकने के लिए बांस और बल्लियों से बैरिकेड लगे थे, जो भीड़ को रोकने में नाकाम हो रहे हैं।
सात दिवसीय शिव महापुराण कथा और रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम के लिए गुरुवार सुबह से ही हजारों वाहन एक साथ कुबेरेश्वर धाम पहुंचने लगे। वाहनों के लिए 70 एकड़ में पांच स्थानों पर पार्किंग बनाई गई है, लेकिन वह कुछ घंटों में ही भर गई। इसके बाद लोगों ने हाईवे सहित ग्रामीण क्षेत्र के रास्तों में वाहन खड़े करना शुरू हो कर दिए। बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद वे अंदर आ गए। इसके कारण सुबह छह बजे से ही हालात बिगड़ना शुरू हो गए। आयोजन समिति और प्रशासन के इंतजाम ध्वस्त हो गए। जब हालात बिगड़ने लगे तो सीहोर के पास सोयाचौपाल और सोंडा के पास से वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने पैदल ही कुबेरेश्वर धाम जाना शुरू कर दिया।
कार्यक्रम के एक दिन पहले ही बुधवार को यहां दो लाख से अधिक लोग पहुंच गए थे। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल पर एक दिन पहले ही श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष बांटना शुरू कर दिया था। गुरुवार को करीब आठ लाख से अधिक लोग पहुंच चुके हैं।
रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav ) में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ की वजह से पुलिस-प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुबेरेश्वर धाम पर आए श्रद्धालुओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त होने की वजह से आ रही है। श्रद्धालु परिजनों से बिछड़ रहे हैं।
शहर में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए क्षेत्रवासी लगे हैं। सेवा करने जिले और आस-पास के क्षेत्रों से कई संगठन आगे आए हैं। जिस कारण शहर शिवमय हो गया है। महोत्सव में मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य राज्यों से भक्त आ रहे हैं।