उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के कासगंज ( Kasganj ) जिले में सूदखोर के कर्ज से परेशान आगरा के शिक्षक ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली । सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करके जानकारी जुटाई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
घटना कासगंज ( Kasganj ) के नगर कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी की है। यहां शिक्षक भरत सिंह ने सोमवार की शाम अपने आवास पर चारपाई की निबाड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पत्नी रेखा ने जब शाम 5.45 बजे अपने पति के शव को फंदे पर लटकता देखा तो उसकी चीख निकल गई। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने शिक्षक को फंदे से नीचे उतारा। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। बताया गया कि दो साल पहले भरत ने अपना स्थानांतरण आगरा करा लिया था। आगरा (Agra ) के पिनाहट (Pinahat ) के नयाबांस के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे,वह आगरा में रहकर अपनी नौकरी कर रहे थे। जबकि उसकी पत्नी कासगंज ( Kasganj ) की आवास विकास कॉलोनी में ही रह रही थी। उनका बेटा हिमांशु कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा है। वहीं पुत्री डॉली इंटर की परीक्षा दे रही है।
पत्नी रेखा ने बताया कि पति ने साहूकार से 16 लाख रुपये कर्ज लिया था। उसका 50 हजार रुपये ब्याज जा रहा है। सूदखोर का कर्ज उतारने के लिए शिक्षक अपना मकान बेचना चाहता था। इसके लिए उन्होंने मकान के बाहर दीवार पर यह मकान बिकाऊ लिख रखा था।

बताया कि मकान का सौदा तय हो गया था। क्रेता ने एक लाख रुपये का अग्रिम भुगतान भी कर दिया है। बाकी, धनराशि बैनामा कराने के समय देने की बात हुई। पत्नी ने बताया कि ब्याज का बोझ ज्यादा होने के कारण पति जल्द से जल्द कर्ज उतारना चाह रहे थे। इससे वह तनाव में रहते थे।
कासगंज ( Kasganj )पुलिस ने बताया कि पत्नी के मुताबिक वह कर्ज में थे। इससे वे मानसिक तनाव में थे। शिक्षक की आत्महत्या के पीछे प्रथम दृष्टया गृहक्लेश का मामला सामने आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।