राजस्थान ( Rajasthan ) के जयपुर ( Jaipur ) में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (Mahatma Gandhi Medical College & Hospital)की डायटीशियन ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को उसके पास सुसाइड नोट मिला। लिखा- मैं जिंदगी से आजादी चाहती हूं। मुझे किसी से कोई परेशानी नहीं है। मामला प्रताप नगर थाना इलाके में सोमवार रात का है।
जयपुर ( Jaipur ) पुलिस ने बताया कि सवाई माधोपुर निवासी राधिका मंगल ( Radhika Mangal) ने आत्महत्या की है। वह पिछले ढाई साल से सेक्टर-8 प्रताप नगर में किराए का फ्लैट लेकर रहती थी। युवती महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (Mahatma Gandhi Medical College & Hospital) में डायटीशियन की पोस्ट पर काम कर रही थी।
सोमवार रात को राधिका ने फ्लैट पर पहुंचने के बाद सुसाइड नोट लिखा। इसके बाद नींद की गोलियां और इंजेक्शन की ओवर डोज ले ली। दवाइयों के ओवर डोज से वह बेहोश होकर बेड पर गिर गई।
सोमवार रात राधिका के छोटे भाई ने उसे कॉल किया। कई बार कॉल करने के बाद भी राधिका ने जवाब नहीं दिया। चिंता होने पर भाई ने मकान मालिक को कॉल कर राधिका से बात कराने के लिए कहा। मकान मालिक भाई से बात कराने के लिए राधिका के फ्लैट पर गया।
फ्लैट अंदर से लॉक होने पर काफी आवाज लगाई और गेट खटखटाया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। अनहोनी की आशंका पर मकान मालिक ने प्रताप नगर थाना पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने गेट को धक्का देकर तोड़ दिया। अंदर जाकर देखा तो बेड पर राधिका बेहोशी की हालत में पड़ी थी। उसके पास ही दवाइयों के खाली रैपर पड़े थे।
जयपुर ( Jaipur ) पुलिस राधिका को लेकर नारायणा हॉस्पिटल पहुंची। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने उसे SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान SMS हॉस्पिटल में राधिका ने दम तोड़ दिया।
सुसाइड नोट में लिखा- मुझे किसी से कोई परेशानी नहीं है। मुझे पिछले 5-6 महीने से मेंटल हेल्थ की दिक्कत है। मेरी फाइनेंशियल स्थिति भी ठीक नहीं है। मैंने HR से कई बार सैलरी बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन कुछ सुधार नहीं हुआ। मेरी सोच नाकारात्मक होती गई। काम का प्रेशर भी मेरे दिमाग पर हावी हो गया। नींद के लिए दवाइयां गोलियां लेने लगी। हमेशा गुस्सा रहने लगी। इसे मैं सहन नहीं कर पा रही हूं।मैं इस जिंदगी से आजादी चाहती हूं। मेरी सभी कंपनियों और ऑर्गेनाइजेशन से अपील है कि अपने कर्मचारी को उसके हार्ड वर्क के अनुसार सैलरी दें। अपने कर्मचारी का फायदा न उठाएं।
Mahatma Gandhi hospital toh hai he lutera . Facility toh government hospital se bhi badtar hai
Private hospitals do not even give salary to doctors for 6 , 6 months.
Private hospitals ilaaz karane walo ke liye loot ka adda ban gye hain aur workers ke explanation ka.
Corona mai Mahatma Gandhi hospital ne kitna loota hai
महात्मा गांधी हॉस्पिटल तो शुरू से ही डॉक्टर्स का शोषण कर रहा है मेरी फ्रेंड ने २ साल जॉब किया था उसको ३,४ महीनें तक सैलरी ही नहीं देते थे और जब तक सैलरी ना मिले कोई जॉब भी नहीं छोड़ सकता है । बंधुआ मज़दूर बन कर काम कर रही थी बेचारी । अच्छा हुआ उसने ५ साल पहके ही जॉब छोड़ दी
महात्मा गांधी हॉस्पिटल तो शुरू से ही डॉक्टर्स का शोषण कर रहा है मेरी फ्रेंड ने २ साल जॉब किया था उसको ३,४ महीनें तक सैलरी ही नहीं देते थे और जब तक सैलरी ना मिले कोई जॉब भी नहीं छोड़ सकता है । बंधुआ मज़दूर बन कर काम कर रही थी बेचारी । अच्छा हुआ उसने ५ साल पहके ही जॉब छोड़ दी । अच्छा हुआ वरना वो भी डिप्रेशन का शिकार हो जाती ।