Friday, September 20, 2024

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शिंदे गुट ही शिवसेना,सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे को झटका,चुनाव आयोग के फैसले पर रोक से इनकार

SC refuses to stay Election Commission decision on Shiv Sena name and symbol

SC refuses to stay Election Commission decision on Shiv Sena name and symbolएकनाथ शिंदे गुट को असली   (  )  के रूप में मान्यता देने के के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर     (  )  में सुनवाई की गई। इस दौरान चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर एकनाथ शिंदे खेमे को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। शीर्ष कोर्ट ने शिंदे खेमे से याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके लिए अदालत ने उन्हें दो सप्ताह का समय दिया है।

सुनवाई के दौरान नोटिस जारी करते हुए सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि हम आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते।  उन्होंने कहा कि इसके लिए हमे दोनों पक्षों की दलीलों को सुनना होगा। बिना दलील सुने रोक नहीं लगाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उद्धव ठाकरे गुट कानून के अन्य उपायों का पालन कर सकता है यदि कोई कार्रवाई की जाती है जो चुनाव आयोग के आदेश पर आधारित नहीं है।

इससे पहले सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत के लिए आग्रह किया और यथास्थिति आदेश पारित करने का आग्रह किया।

शिंदे खेमे के वकील ने पीठ से कहा कि वह इस बीच ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए कोई विप जारी नहीं करेगा या प्रक्रिया शुरू नहीं करेगा। पीठ ने कहा, ‘ठीक है, नोटिस जारी किया जाता है। जवाबी हलफनामा दो हफ्ते के भीतर दाखिल करें।’

वहीं, मंगलवार को सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष उद्धव गुट की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के हाथ से  शिवसेना ( Shiv Sena )  की कमान, उसका नाम और चुनाव चिह्न छीनने के बाद एकनाथ शिंदे भी शांत नहीं बैठे हैं। शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखने के लिए वह हर एक चाल चल रहे हैं, जो उनके लिए जरूरी है। एक दिन पहले ही शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी।

इस कैविएट में कहा गया है कि चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष गुहार लगा सकता है। ऐसे में इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार की दलील को भी सुने।

उद्धव गुट की याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने शिवसेना ( Shiv Sena )के नाम और चुनाव निशान के विवाद के निपटारे का आधार पार्टी के 1999 के संविधान को बनाया, जबकि इसे 2018 में बदला जा चुका था। संशोधन में कहा गया था कि शिवसेना में अध्यक्ष ही सबसे ऊपर होगा। किसी को पार्टी में शामिल करने, निकालने या बैठक करने पर आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष का ही होगा।

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— ANI Digital (@ani_digital) February 22, 2023

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels