हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ( Manohar Lal Khattar ) का उत्तर प्रदेश से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जारी होने के मामले का ‘यूपी पुलिस (UP police ) ने खुलासा कर दिया है। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड जन्म और मृत्यु आंकड़ा अनुभाग का स्टेट कोऑर्डिनेटर निकला। पैसे कमाने के लिए उन्होंने यह फर्जी सर्टिफिकेट बनाया था। ‘यूपी पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सोनभद्र ( Sonbhadra ) जिले के एएसपी त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि 2 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ( Manohar Lal Khattar ) पुत्र हरबंश लाल के नाम का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट पंजीकरण संख्या डी/2023.60339-000021 जारी हुआ था। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के जन्म-मृत्यु डेटा असिस्टेंट मनोज कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने पन्नूगंज थाने में केस दर्ज कर इसकी जांच शुरू की।
पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद प्रशांत मौर्य, मोनू शर्मा उर्फ शिवानंद शर्मा, अंसार अहमद, मोहम्मद कैफ अंसारी और जन्म-मृत्यु आंकड़ा विभाग में ठेका कर्मचारी यशवंत को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 4 लैपटॉप और 7 मोबाइल बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि कॉन्ट्रैक्ट पर रखा स्टेट कोऑर्डिनेटर यशवंत जन्म और मृत्य प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सीआरएस पोर्टल की आईडी और पासवर्ड देता था। उसने इन आरोपियों को भी पासवर्ड दिया, जिसके बाद इनके मोबाइल नंबर को उस आईडी पर पंजीकृत कर दिया गया। जिससे आरोपियों को लॉगइन करते समय ओटीपी भी मिल गया। इसकी सहायता से वह जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम करते हैं। प्रत्येक प्रमाण पत्र पर धनराशि मिलती है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि स्टेट कोऑर्डिनेटर के दिए पासवर्ड से लॉगइन करने के बाद हम जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का काम करते हैं। प्रत्येक प्रमाण पत्र के लिए धनराशि मिलती है। 2 फरवरी को मनोहर लाल ( Manohar Lal Khattar ) पुत्र हरबंश लाल निवासी 719 न्यू प्रेमनगर पोस्ट प्रेमनगर करनाल हरियाणा पिन- 132001 का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए हमें वॉट्सऐप पर विवरण भेजा गया था।
जिसे हमने बनाकर वॉट्सऐप पर आगे भेज दिया। हम लोगों को जानकारी नही थी कि यह फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र हमने हरियाणा के मुख्यमंत्री का बनाया है। जब इसका खुलासा हुआ तो हमने इसे उसी वक्त रद्द कर दिया।