Friday, September 20, 2024

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देश में पत्रकारिता जगत का जाना-माना चेहरा, डॉ. वेदप्रताप वैदिक नहीं रहे,बाथरूम में फिसलने से गई जान

Senior journalist Ved Pratap Vaidik passes away at 78

Senior journalist Ved Pratap Vaidik passes away at 78 देश में पत्रकारिता जगत का जाना-माना चेहरा  (   )  डॉ. वेदप्रताप वैदिक ( Ved Pratap Vaidik  )अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह करीब 78 साल के थे। बताया गया है कि मंगलवार सुबह वे नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास गुरुग्राम में स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है।

डॉ. वैदिक ने 1957 में महज 13 साल की उम्र में हिंदी भाषा के लिए सत्याग्रह किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद वैदिक ने 1958 में पत्रकारिता शुरू की थी।डॉ. वेदप्रताप वैदिक ( Ved Pratap Vaidik  )पत्रकारिता ने राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉक्टर वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

साल 2014 में पाकिस्तान गए वेद प्रताप वैदिक ( Ved Pratap Vaidik  )ने हाफिज सईद से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद भारत लौटे वेद प्रताप ने कहा था, ‘हाफिज सईद ने मुझसे कहा कि अगर पीएम मोदी पाकिस्तान जाते हैं तो वहां उनका जोरदार स्वागत नहीं होगा।’ एक पाकिस्तान चैनल को दिए इंटरव्यू में वैदिक ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो कश्मीर आजाद हो सकता है।

वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के  ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

वेदप्रताप वैदिक ने करीब 10 वर्षों तक पीटीआई-भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। बीते कुछ समय में उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं।

डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय। अध्यक्ष, भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद!

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels