ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) और शरद पवार समेत कई नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है, वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP )को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। दरअसल चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), सीपीआई और एआईटीसी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है।वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी(AAP ) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। एनसीपी और एआईटीसी को नागालैंड और मेघालय में राज्य दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी।
सोमवार (10 अप्रैल, 2023) को इनकी पार्टियों से राष्ट्रीय दल का तमगा छिन गया। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसी) की ओर से इसे बारे में जानकारी दी गई।चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। आम आदमी पार्टी (APP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है।
अब छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं- बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, माकपा, एनपीपी और आप(AAP )। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया है। जयंत चौधरी की इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है।वहीं आम आदमी पार्टी इसलिए राष्ट्रीय पार्टी बन गई क्योंकि उसे ऐसा मुकाम पाने के लिए केवल 6 फीसदी वोट शेयर की जरूरत थी, फिर चाहें वो गुजरात के चुनाव में मिलता या फिर हिमाचल प्रदेश के चुनाव में। हालांकि आप को 13 फीसदी वोट शेयर केवल गुजरात में ही मिल गया और वह राष्ट्रीय पार्टी बन गई।
किसी भी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का तमगा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी है। इसके अलावा एक तरीका ये भी है कि राजनीतिक पार्टी को लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों। या फिर पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल गया हो। इन तीनों में से कोई भी एक शर्त पूरी करने पर राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिल जाता है।

Election Commission grants national party status to Aam Aadmi Party
— Press Trust of India (@PTI_News) April 10, 2023