जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के उधमपुर ( Udhampur ) जिले में प्रधान सत्र न्यायाधीश उधमपुर हक नवाज जरगर ( judge Haq Nawaz Zargar) ने शनिवार को मां की हत्या के दोषी बेटे को मौत की सजा सुनाई। मामला उधमपुर जिले की रामनगर तहसील के रसैं गांव का है। दोषी जीत सिंह ने मां पर दराती से वार करने के बाद सिर कुल्हाड़ी से काट दिया था।
वारदात को उसने प्लान के तहत पूरे होश में अंजाम दिया था। दोषी मृतका से दो कनाल जमीन मांगने के अलावा दूसरे पुत्र मुलख राज के साथ रहने के लिए कह रहा था। यह मामला सात दिसंबर 2014 का है। उधमपुर ( Udhampur ) कोर्ट ने कहा कि बुढ़ापा किसी भी बेटे के लिए खतरा नहीं है।
माताएं हमेशा बच्चों से जीवन के अंत में प्यार और देखभाल की चाह रखती हैं। दोषी ने भरोसे को तोड़ा है। यह सबसे जघन्य अपराध है। यह अपराध क्रूर तरीके से किया गया है। अदालत ने कहा कि मृतका असहाय विधवा थी। घटना के समय वह निहत्थी थी। कोर्ट ने कहा कि वारदात निश्चित रूप से मानवता के अस्तित्व पर चोट करता है।
यह भी कहा कि मां को बच्चों को जन्म देने की शक्ति के लिए भगवान से कम नहीं माना जाता है। मां बच्चों के भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाती है। वह बच्चे के लिए पहली शिक्षक होती हैं। इस तरह के अपराध आक्रोश पैदा करने के साथ उस समाज की चेतना को झकझोरते हैं, जहां माताओं को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है।
न्यायाधीश ने कहा, “यह मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस के दायरे में आता है और इसलिए अभियुक्त जीत सिंह किसी भी तरह की नरमी के लायक नहीं है।” मौत की सजा के अलावा, अदालत ने जीत सिंह को 10 साल के सश्रम कारावास और हत्या के प्रयास के लिए 3,000 रुपये के जुर्माने, तीन साल के कठोर कारावास और आर्म्स एक्ट के तहत 2,000 रुपये के जुर्माने की भी सजा सुनाई।
बता दें कि उधमपुर ( Udhampur ) रामनगर निवासी जीत सिंह ने सात दिसंबर 2014 को अपने घर में अपनी मां वैष्णो देवी की हत्या कर दी थी। उसने अपनी पत्नी संतोष देवी को भी मारने की कोशिश की जब उसने अपनी सास के बचाव में आने की कोशिश की।