सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने पश्चिम बंगाल में फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story’) पर बैन के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा कि फिल्म देखने वालों की सुरक्षा भी तय की जाए। कोर्ट ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेशन देने के खिलाफ भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इन पर सुनवाई से पहले हम भी यह फिल्म देखना चाहेंगे।पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) की सरकार के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है।
अदालत ने कहा, ‘इस फिल्म में 32 हजार महिलाओं के इस्लाम कुबूल करने वाले आरोपों पर डिस्क्लेमर लगाया जाए और प्रोड्यूसर ये काम 20 मई को शाम 5 बजे से पहले करे। आप जनता की असहिष्णुता को अहमियत देकर अगर कानून का ऐसे इस्तेमाल करेंगे तो हर फिल्म का यही हाल होगा। राज्य का कर्तव्य है कि वह कानून-व्यवस्था को कायम रखे’।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से फिल्म पर 8 मई को लगाई गई रोक को हटा रहे हैं। इस रोक का कोई पुख्ता आधार नज़र नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडु सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं कि उसने कोई रोक नहीं लगाई है।थिएटर मालिकों पर फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव भी नहीं बनाया गया है।हम निर्देश दे रहे हैं कि फ़िल्म दिखाने वाले सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए. सरकार या उससे जुड़े लोग सिनेमाघर मालिकों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं।
फिल्म प्रोड्यूसर की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने भी माना कि 32 हजार महिलाओं के इस्लाम कबूल करने को सही ठहराने का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे डिस्क्लेमर में दिया जाएगा।
फिल्म पर पश्चिम बंगाल में सरकार ने जबकि तमिलनाडु में थियेटर ओनर्स ने बैन लगाया था। कोलकाता और मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट अब इन दोनों हाईकोर्ट के फैसले पर गर्मियों की छुट्टी के बाद 18 जुलाई को सुनवाई करेगा।
तमिलनाडु सरकार ने फिल्म मेकर्स के शैडो बैन करने के आरोपों का भी खंडन किया था। सरकार ने कहा कि फिल्म को 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज किया गया था और फिल्म मेकर्स के पास ऐसा कोई लिखित में सबूत नहीं है जिसमें सरकार की तरफ से फिल्म स्क्रीनिंग बंद करने की बात कही गई हो।
वहीं इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story’) फिल्म पर बैन लगाने के अपने फैसले को सही ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ फर्जी फैक्ट्स पर बेस्ड है और इसमें हेट स्पीच है जो सांप्रदायिक भावनाओं को आहत कर सकती है। ये फिल्म समुदायों के बीच नफरत पैदा कर सकती है जिससे राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। हलफनामे में पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रतिबंध के पीछे खुफिया सूचनाओं को आधार बनाया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज फिल्म पर से बैन हटा दिया है।
केरला स्टोरी (The Kerala Story’) के खिलाफ 5 मई को मुस्लिम संगठनों ने करीब 20 जगहों पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद 6 मई को चेन्नई और फिर अगले दिन कोयम्बटूर में विरोध हुआ। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुल 9 मामले दर्ज किए गए जिसमें चेन्नई में पांच और कोयम्बटूर में चार मामले दर्ज किए गए।
द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story’) बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है. ये फिल्म काफी विवादों में घिरी हुई है लेकिन इसे ऑडियंस द्वारा काफी पसंद किया गया है, अब इसी बीच रिपोर्ट में बताया जा रहा है की फिल्म द केरला स्टोरी जल्द ही 200 करोड़ क्लब में शामिल हो सकती है।
SC stays West Bengal government’s order banning film “The Kerala Story”
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2023