उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ ( Lucknow) के कोर्ट में बुधवार दोपहर अज्ञात बदमाशों ने मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा( Gangster Sanjiv Maheshwari Jiva ) की गोली मारकर हत्या कर दी। मजिस्ट्रेट के सामने ही हमलावर ने कुख्यात अपराधी गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा(50) को ढेर कर दिया। अचानक हुई इस घटना से पूरे कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। बता दें कि हत्यारे वकील बनकर आए थे। जीवा लंबे समय से लखनऊ जेल में ही सिक्योरिटी बैरक में बंद था।
पुलिस के सुरक्षा घेरे में बुधवार, 7 जून को संजीव जीवा सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचा था,उसी दौरान वकील के भेस में आए हमलावर ने उसे गोली मार दी. गोली लगते ही जीवा अदालत परिसर में गिर गया और वहीं दम तोड़ दिया।फायरिंग के दौरान एक बच्ची को भी गोली लगी है। हत्यारा वकील की ड्रेस में था। उसकी पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है। पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। हमले में एक सिपाही लाल मोहम्मद भी घायल हुआ है। हमले में घायल डेढ़ साल की बच्ची को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।
कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर गोलियां दागने के लिए हमलावर घात लगाए बैठा रहा। वह वकील के लिबास में था, इसलिए उस पर किसी तरह का शक नहीं हुआ। जैसे ही अपने केस की बारी आते ही जीवा कोर्ट रूम के कटघरे की तरफ चला आरोपी विजय यादव ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं। पलक झपकते ही जीवा ढेर हो गया। गोलियां रिवॉल्वर से दागी गईं। पुलिस ने छह खोखे बरामद किए है। यानी पूरी रिवाॅल्वर खाली कर दी।
फिलहाल, हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले हमलावर को मौके पर मौजूद लोगों ने पकड़कर बहुत पीटा था। वहीं, लखनऊ कोर्ट परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं में इस हत्याकांड के बाद आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस घटना के बाद पुलिसबलों की मौजूदगी बढ़ा दी गई है। अधिवक्ता लगातार सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे कोई हमलावर पुलिस अधिवक्ता में किसी को मारा जा सकता है। अधिवक्ताओं ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इलाहाबाद जैसे प्रकरण अब राजधानी लखनऊ में दोहराने की कोशिश की गई है, जिसमें हमलावर को सफलता मिली है।
यूपी में दो महीने के भीतर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच किसी हत्या का यह दूसरा मामला है। इससे पहले प्रयागराज में 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत के दौरान मीडिया की वेशभूषा में आए बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ( Sanjiv Maheshwari Jiva ) ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी उसका नाम आया था। संजीव जीवा लखनऊ जेल में बंद था। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के बाद से ही सह अभियुक्त संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी।
90 के दशक में जब शामली मुजफ्फरनगर जिले का कस्बा था। तब कस्बे में स्थित पैथोलॉजी लैब पर संजीव जीवा ( Sanjiv Maheshwari Jiva ) काम करता था। मुजफ्फरनगर में एक दवाखाना पर संजीव जीवा काम करता था। लोग उसे डॉक्टर कहने लगे थे। बताया जाता है कि पैथोलॉजी लैब के मालिक ने एक बार उसे कई दिन से अपने फंसे पैसे लेने भेजा और जीवा पैसे ले आया। इसके बाद उसने जरायम की दुनिया में कदम रख दिया। इसके बाद बड़े-बड़े बदमाशों से उसके संबंध हो गए। मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी का वो करीबी बन गया। पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी संजीव जीवा का नाम सामने आया था। ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था।
#WATCH | Uttar Pradesh: Gangster Sanjeev Jeeva shot outside the Lucknow Civil Court. Further details awaited
(Note: Abusive language) pic.twitter.com/rIWyxtLuC4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 7, 2023