उत्तराखंड ( Uttarakhand) के उत्तरकाशी( Uttarkashi ) के पुरौला( Purola) में समुदाय विशेष के युवक द्वारा नाबालिग लड़की को भगा ले जाने के विरोध में 15 जून को प्रस्तावित पुरौला की महापंचायत को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।इस महापंचायत को विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया था. लेकिन प्रशासनिक तौर पर धारा-144 लगने और महापंचायत में शामिल होने वाले नेताओं की नजरबंदी की वजह से इस महापंचायत को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। हालांकि तमाम संगठनों ने गुरुवार को बंद के आह्वान का समर्थन किया है।
26 मई को उत्तरकाशी के पुरौला ( Purola) में एक मुस्लिम युवक ने एक नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर अगवा कर लिया था।इस घटना के बाद से पूरे उत्तरकाशी ही नहीं, उत्तराखंड में उबाल आ गया है। इस घटना के विरोध में तमाम धार्मिक और सामाजिक संगठनों के अलावा व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों ने 15 जून गुरुवार को पुरौला में महापंचायत का ऐलान किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी अपनी ओर से धारा 144 लागू करते हुए महापंचायत के आयोजन पर रोक लगा दी।
दरअसल, 26 मई को पुरोला ( Purola) कस्बे में अचानक यह पुरौला की ”लव जेहाद” की घटना सामने आई, जिसमें एक मुस्लिम युवक उबैद और एक अन्य युवक जितेंद्र सैनी को स्थानीय लोगों ने 9वीं कक्षा की नाबालिग स्थानीय हिंदू लड़की के साथ पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
इस घटना के बाद से पुरोला( Purola) में संप्रदाय विशेष के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोल दिया। संगठनों का दावा है कि युवक लड़की को बहका रहे थे। संप्रदाय विशेष के लोगों की दुकानों पर 15 जून से पहले दुकानें खाली करने और इलाका छोड़कर जाने से संबंधित पोस्टर चिपकाए गए। पुरोला में संप्रदाय विशेष के कारोबारियों की गारमेंट्स, फर्नीचर, फल, सब्जी और मोटर मैकेनिक की कई दुकानें हैं। इनमें से काफी लोग इलाका छोड़ चुके हैं। घटना के विरोध में उत्तरकाशी के पुरोला और बड़कोट में जुलूस के दौरान व्यापारियों के प्रतिष्ठानों के बोर्ड और बैनर भी फाड़े गए।
बड़कोट में दुकानों पर क्रॉस के चिन्ह लगाए गए, जबकि पुरोला में पोस्टर चिपकाए गए। देवभूमि रक्षा अभियान की ओर से लगाए गए पोस्टरों पर लिखा है था कि, “लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें। यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता तो वह वक्त पर निर्भर करेगा।
मामले में पुलिस ने कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बीच पुरोला ब्लॉक के ग्राम प्रधान संगठन ने 15 जून को महापंचायत का एलान कर दिया। सोमवार को संगठन के अध्यक्ष अंकित सिंह रावत ने इसे शांतिपूर्ण आयोजन बताते हुए एसडीएम को ज्ञापन भी दे दिया। दूसरी ओर, सोमवार को ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी इस विवाद में कूद पड़े। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का काम है कि गुनहगारों को जेल भेजे और जल्द अमन कायम हो।
15 जून को होने वाली महा पंचायत पर तुरंत रोक लगाई जाए। वहां रह रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए। वहां से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने का इंतजाम किया जाए। मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में आ गया। सोमवार से मंगलवार रात तक ट्वीटर पर यह मामला ट्रेंड कर रहा है। पुरोला के साथ ही कई अन्य कस्बों में भी विरोध के सुर तेज हो गए हैं।
प्रशासन और पुलिस मामले को संभालने में जुटे हुए हैं। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला लगातार महापंचायत टालने की कोशिशें कर रहे हैं। दूसरी ओर, देहरादून में भी मुस्लिम समुदाय ने 18 जून को महापंचायत का एलान कर दिया है। समुदाय का कहना है कि इसमें पहाड़ से हो रहे पलायन पर मंथन किया जाएगा। पुलिस का दावा है कि कोई महापंचायत नहीं होने दी जाएगी।
#WATCH | Uttarakhand Police stages flag march in Purola.
Section 144 CrPC has been imposed in Purola and the District administration has refused permission to hold maha panchayat in Purola over alleged ‘love-jihad’ cases. pic.twitter.com/UaC4LHxSov
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 14, 2023