Saturday, September 21, 2024

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तीस्ता सीतलवाड़ को मिली राहत,देर रात सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच ने सुनवाई कर गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

Teesta Setalvad gets interim protection, a larger bench of Supreme Court stays Gujarat High Court's decision in a late-night hearing

Teesta Setalvad gets interim protection, a larger bench of Supreme Court stays Gujarat High Court's decision in a late-night hearingसामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़   ( Teesta Setalvad )को   (  ) की बड़ी पीठ से राहत मिली है। तीन जजों की स्पेशल बेंच ने देर रात चली सुनवाई के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को आत्मसमर्पण करने के  गुजरात  उच्च न्यायालय(  ) के आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।

2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित रूप से सबूत गढ़ने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने आज तीस्ता सीतलवाड़   ( Teesta Setalvad ) की नियमित ज़मानत खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को जमानत देने के साथ ही शीर्ष अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा दी है।

गुजरात सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वकील थे। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि एक जस्टिस ने हाई कोर्ट में आदेश दिया और हफ्ते भर का प्रोटेक्शन नही दिया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम प्रोटेक्शन दिया था। इसे एक हफ्ते के लिए एक्सटेंड करना आदर्श स्थिति है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा ये साधारण केस नही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा 8 दिन अंतरिम प्रोटेक्शन बढाने में क्या दिक्कत हैं। कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी।

गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि किसी व्यक्ति को ज़मानत को चुनौती देने के लिए 7 दिन का समय क्यों नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि वह इतने लंबे समय से बाहर है। तुषार मेहता ने कहा, ‘इस मामले को जिस सहज तरीके से प्रस्तुत किया गया है, ये उससे कहीं ज्यादा संगीन है।’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि एसआईटी (2002 गोधरा दंगा मामले पर) सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई थी और जिसने समय-समय पर रिपोर्ट दाखिल की है। गवाहों ने एसआईटी को बताया कि तीस्ता सीतलवाड़   ( Teesta Setalvad ) ने उन्हें बयान दिया था और उनका फोकस एक विशेष पहलू पर था जो ग़लत पाया गया। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि सीतलवाड ने झूठे हलफनामे दायर किए।

जस्टिस एएस ओका और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच के सामने तीस्ता सीतलवाड़   ( Teesta Setalvad ) की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि अंतरिम प्रोटेक्शन देने को लेकर दोनों जजों के बीच एक मत नहीं है। हम चीफ जस्टिस को आग्रह करते हैं कि मामले की सुनवाई के लिए केस लार्जर बेंच रेफर किया जाए। मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया गया। मामले में दोनों के विपरीत मत आने के बाद मामला लार्जर बेंच को सौंपा गया।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels