उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra ) में स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) आर.के सिंह का तबादला हो गया है। भाजपा विधायक डॉ जीएस धर्मेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) से विजिलेंस जांच की मांग की थी। लेकिन इसके उलट उपरोक्त अभियंता को वीवीआईपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) नगर निगम में तैनाती ने भाजपा विधायक समेत सभी चौंका दिया है ।
दरअसल, मई महीने में प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा विधायक डॉ जीएस धर्मेश ने अधिशासी अभियंता (Executive Engineer)आर.के सिंह पर स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी रहते भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यों में कमीशनखोरी, रिश्वत और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विजिलेंस जांच की मांग की थी।इसके कुछ ही समय बाद आर.के सिंह को पद से हटा दिया गया था। इनकी जगह चीफ इंजीनियर बी.एल गुप्ता को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का नोडल अधिकारी बनाया गया।
अब विजिलेंस जांच की मांग के बीच आर.के सिंह तबादला पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में कर दिया गया है। इसको लोग विधायक व अधिशासी अभियंता (Executive Engineer)की पहुंच से जोड़कर देख रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिशासी अभियंता आर.के सिंह को तो अब पहले से अधिक मलाईदार जगह पर तैनाती मिल गई है।
भाजपा विधायक डॉ जीएस धर्मेश ने कहा था आर के सिंह भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लिए कुख्यात है जिसके जरिए उसने करोड़ों रुपए कमाए हैं। लखनऊ, गाजियाबाद से लेकर पटना तक उसने इसी काले धन से प्रॉपर्टी खरीदी है। विधायक ने चिट्ठी में आरोप लगाया है कि इंजीनियर आरके सिंह पटना में अपने भाई के नाम पर मॉल बना रहा है। विधायक ने कहा कि जी20 के निर्माण कार्यों में नगर निगम आगरा द्वारा कराए गए कार्यों में भी आरके सिंह ने जमकर भ्रष्टाचार किया है और बेनामी संपत्ति अर्जित की है। अधिशासी अभियंता बड़े स्तर का रिश्वतखोर और कमीशनखोर है। बगैर टेंडर अपने चहेते ठेकेदारों से बड़ा कमीशन लेकर काम कराए हैं।