उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में पार्टियां बदल कर चुनाव लड़ने के लिए मशहूर समाजवादी पार्टी विधायक दारा सिंह चौहान ( Dara Singh Chauhan) ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। वह विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में आये थे अब फिर भाजपा में शामिल होंगे।दारा सिंह चौहान मऊ की घोसी सीट से विधानसभा सदस्य चुने गए थे। उन्होंने अब इस्तीफा दे दिया है।दारा सिंह चौहान के इस्तीफे को सपा के लिए झटका माना जा रहा है।
दारा सिंह चौहान ( Dara Singh Chauhan)ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी से की थी। दारा सिंह चौहान का जन्म 25 जुलाई 1963 को आजमगढ़ के गलवारा में हुआ था। 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले दारा सिंह चौहान का शुरुआती दिनों से ही राजनीति के प्रति रुझान हो गया। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी ने उनके तेवर को पहचाना। तेजी से उनका ग्राफ बढ़ने लगा। अपनी राजनीतिक पकड़ के कारण वे पार्टी के एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए। बसपा ने पहली बार वर्ष 1996 में उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। वर्ष 2000 में एक बार फिर वे राज्यसभा सदस्य बने।
राज्यसभा की सदस्यता से रिटायर होने के बाद बसपा ने उन्हें वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया। जीत दर्ज कर वे लोकसभा तक का सफर तय करने में कामयाब हुए। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा कोई भी सीट जीत करने में कामयाब नहीं हुई। दारा सिंह चौहान ने इसके बाद पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। वर्ष 2015 में वे भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा ने उन्हें यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में मधुबन विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। जीत दर्ज करने के बाद योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें वन, पर्यावरण एवं प्राणी उद्यान मंत्री बनाया गया। यूपी चुनाव 2022 से पहले उन्होंने एक बार फिर पार्टी बदलने का मन बनाया। 12 जनवरी 2022 को योगी कैबिनेट और भाजपा से इस्तीफा दे दिया। वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें घोसी सीट से उम्मीदवार बनाया और एक बार फिर जीत दर्ज करने में वे कामयाब रहे।
दारा सिंह चौहान ( Dara Singh Chauhan)को एक बार फिर घोसी लोकसभा सीट से ही चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा चल रही है। घोसी से वे पूर्व सांसद रह चुके हैं। ओबीसी समाज के एक बड़े नेता के तौर पर उनकी पहचान होती है। ऐसे में अखिलेश यादव को करारा झटका देने के लिए भाजपा की ओर से उन्हें हथियार बनाया जा सकता है। घोसी लोकसभा सीट पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था।