Sunday, April 20, 2025

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सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव केस में वेरनन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा को दी जमानत,कोर्ट की 5 शर्तें, मोबाइल स्विच्ड ऑफ नहीं होगा, लोकेशन ऑन रहेगी

Bhima Koregaon

 (  )  ने भीमा कोरेगांव(  Bhima Koregaon ) मामले से जुड़े एल्गार परिषद केस में शुक्रवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी है। कोर्ट ने 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी  वेरनन  गोंसाल्विस( Vernon Gonsalves ) और अरुण फरेरा( Arun Ferreira  )की जमानत पर रिहाई के आदेश दिये।

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव (  Bhima Koregaon )केस में 28 जुलाई को दो आरोपियों वेरनन गोंजाल्वेस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दोनों आरोपियों को कस्टडी में 5 साल हो चुके हैं। उन पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन केवल इस आधार पर उन्हें जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता। जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी। इस दौरान इनका पासपोर्ट जब्त रहेगा। दोनों आरोपी NIA के संपर्क में बने रहेंगे।

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि गोंसाल्विस और फरेरा जमानत के दौरान महाराष्ट्र से बाहर नहीं जा सकते हैं, वे अपने पासपोर्ट पुलिस को सौंप देंगे।

बेंच ने दोनों आरोपियों को एक-एक मोबाइल का उपयोग करने और मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अपना पता बताने का भी निर्देश दिया। दोनों आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।

बता दें कि, यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन से संबंधित है, जिसे पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा फंड दिया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि वहां दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा (  Bhima Koregaon )युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई थी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels