कोलकाता ( Kolkata ) में जादवपुर विश्वविद्यालय (Jadavpur University)में गुरुवार को छात्रावास भवन के सामने फर्स्ट ईयर के एक छात्र स्वर्णोदीप कुंडू का शव मिलने के बाद हंगामा खड़ा हो गया। परिवार ने आरोप लगाया है कि सीनियर छात्रों ने उसकी रैगिंग की थी। पुलिस ने मरने वाले छात्र की पहचान स्वप्नदीप कुंडू के रूप में की है। जो बंगाली ऑनर्स के फर्स्ट ईयर का छात्र था। संदेह है कि बालकनी से गिरने के बाद उसकी मौत हो गई। हालांकि मरने वाले छात्र के परिजनों ने रैगिंग का आरोप लगाया है। इसके बाद छात्र की मौत पर रहस्य गहरा गया है।
स्वप्नदीप कुंडू को इमारत से कुछ फीट की दूरी पर पाया गया। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। उसके माता-पिता और छात्रों के एक बड़े वर्ग के दावे को बल मिला कि 18 वर्षीय युवक रैगिंग का शिकार था। बताया जा रहा है कि सीनियर्स ने उसके कपड़े उतरवाए और उसे गे बुलाया। वे कई दिनों से छात्र की रैगिंग कर रहे थे लेकिन बुधवार की रात को नंगा किए जाने के बाद वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाया।
हालांकि, कई और कारण हैं जो छात्र की रैगिंग की ओर इशारा करते हैं। उनके कुछ सहपाठियों ने कहा कि स्वप्नदीप ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। वह उन लोगों से पूछता था कि उसकी रैगिंग कब बंद होगी। वह सीनियर्स की रैगिंग से परेशान हो गया है। इन सहपाठियों ने एक शिक्षक को यह भी बताया था कि स्वप्नदीप रैगिंग से इतना तनाव में है कि रात को सो भी नहीं पाता है।
जादवपुर विश्वविद्यालय (Jadavpur University)में छात्र स्वर्णोदीप कुंडू की मौत के बाद दस सदस्यीय जांच समिति ने विश्वविद्यालय के छात्रावास का दौरा किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि छात्र की मौत के अगले दिन ही आंतरिक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी छात्रावास का दौरा किया है। छात्रावास के एक छात्र ने सीनियरों पर रैगिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत का जिम्मेदार माना है।
जादवपुर विश्वविद्यालय (Jadavpur University) के विज्ञान विभाग के डीन सुबेनॉय चक्रवर्ती ने एक साक्षात्कार में बताया कि मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। घटना बुधवार रात करीब 12 बजे की है। दो मंजिला बालकनी से गिरने के कारण स्वर्णोदीप कुंडू की एक दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जानकारी मिलते ही छात्र के माता-पिता को सूचित किया था। मामले की जांच के बाद ही सच सामने आ पाएगा कि आखिर मौत का असल कारण क्या है। आंतरिक सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुबेनॉय चक्रवर्ती करेंगे। 15 दिन के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।