उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा ( Agra) में मंगलवार दोपहर से चल रही भारी बारिश से सड़कें नहरों में तब्दील हो गईं हैं। यहां मुख्य मार्गों पर हुए जलभराव में तमाम कारें, रोडवेज बस और ऑटो लगभग डूब गए। शहर में विभिन्न विभागों द्वारा खोद कर छोड़ दी गई सड़कों पर भारी बारिश के कारण पानी भर गया जिसके कारण वहां पलटने और लोगों के चोटिल होने की कई घटनाएँ आज सामने आईं। दयालबाग़ में एक स्कूली बस जल निगम( Jal Nigam)द्वारा खोदी गई सड़क में फंसकर पलटने से बची।
आगरा ( Agra) में मानसून में सड़कों की खुदाई न करने के कागजी आदेश के उलट शहर में सड़कों को खोदकर छोड़ देने के काम में कई विभाग लगे हुए हैं। महज दो महीने पहले ही दो करोड़ रुपये से बनाई गई सड़कों को न केवल खोदकर छोड़ दिया गया, बल्कि गिट्टियां भी नहीं बिछाई गई हैं। यह दोनों सड़कें वह हैं, जिनके लिए जल निगम ( Jal Nigam)की विश्व बैंक इकाई यह लिखकर दे चुकी है कि उनका काम पूरा हो चुका है। उसी पत्र के बाद नगर निगम ने सड़कों का निर्माण कराया, पर अब अधूरा काम बताकर फिर से मारुति एस्टेट-बोदला, अलबतिया रोड, बोदला-सिकंदरा जैसी प्रमुख सड़कों की खुदाई जारी है।
आगरा ( Agra) में अमर विहार रोड दयालबाग की सबसे व्यस्त संपर्क मार्गों में से एक है, जहां से दिन भर में हजारों वाहन गुजरते हैं। इसे जल निगम के ठेकेदार विश्वराज एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने खोदा था। बारिश के मौसम के बीच में सड़कों की खुदाई के खिलाफ स्थानीय निवासियों की कड़ी आपत्तियों के बावजूद 14 अगस्त को खुदाई के बाद, नाली को ढीली मिट्टी से भर दिया गया और ठेकेदार द्वारा बिना किसी संघनन के छोड़ दिया गया। सड़क की शुरुआत में कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया था और खुदाई से पहले यातायात का मार्ग बदलने की कोई योजना नहीं बनाई गई थी। विश्वराज प्रा. लिमिटेड के प्रतिनिधि को फोन करने पर प्रोजेक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया गया।
संपर्क करने पर पी के खंडेलवाल – मुख्य अभियंता जल निगम( Jal Nigam) (ग्रामीण) ने हमें अधिशासी अभियंता आरपी सिंह से संपर्क करने को कहा, जिन्होंने कहा कि वह फोन या व्हाट्सएप पर परियोजना के बारे में कोई भी जानकारी तब तक नहीं देंगे जब तक हम उनसे कार्यालय में नहीं मिलेंगे, जैसे कि इस परियोजना से राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला जुड़ा है।
कमिश्नर आगरा मंडल के स्पष्ट निर्देश हैं कि बरसात के दौरान कोई भी सड़क नहीं खोदी जाएगी, लेकिन फिर भी यह खुदाई का काम बदस्तूर जारी है और कल शाम से हो रही लगातार बारिश के बाद पूरी सड़क दलदल में तब्दील हो गई है। इस दलदल की चपेट में कई स्कूल बस भी आ गईं और पलटते – पलटते बचीं। बस में सवार स्कूली बच्चे गंभीर चोटें आने से बाल-बाल बच गए और दूसरी बसों के द्वारा स्कूल भेजे गए। इसके तुरंत बाद एक और ट्रक यहां फंस गया और अब पूरी सड़क वाहनों से जाम हो गई है।
ऐसा प्रतीत होता है कि जल निगम मंडलायुक्त के भी ऊपर से आने वाले आदेशों पर काम कर रहा है, यही कारण है कि वह बरसात में सड़कें खोदने के खिलाफ आयुक्त के आदेशों और चेतावनियों की परवाह नहीं कर रहा है।
कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने सड़कों को खोदकर छोड़ देने की जल निगम की शिकायतों के बाद नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को रोड कटिंग का सर्वे करने को कहा, जिसके बाद नगर निगम के चारों जोन लोहामंडी, हरीपर्वत, छत्ता और ताजगंज जोन में निर्माण विभाग के अभियंताओं से कहा गया है कि जहां भी सड़कों की खुदाई की गई है, उनका ब्योरा दिया जाए। सबसे ज्यादा जल निगम की निर्माण और विश्व बैंक इकाई ने शहर में खुदाई की है। उसके बाद ग्रीन गैस ने गैस लाइनों, टोरंट पावर ने बिजली की लाइनों के लिए और टेलीकॉम कंपनियों ने आप्टिकल फाइबर केबिल के लिए सड़कों को खोदकर छोड़ दिया है। इनकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, जिसके बाद विभागों पर जुर्माना लगाया जाएगा।