राजद ( RJD ) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह( Prabhunath Singh )को देश के शीर्ष न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपने पक्ष में वोट नहीं देने पर दो लोगों की हत्या में प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी माना था।कोर्ट ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और घायल के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा- इस मामले में दो विकल्प हैं, या तो हम जीवन दें या मौत। फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? उनके वकील ने बताया- 70 साल। इसके बाद जस्टिस ने कहा कि तब तो भगवान ही मालिक हैं। आज से पहले ऐसा केस नहीं देखा।
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों (जस्टिस किशन कौल, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाम) की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। दोनों पक्ष की दलीलों को सुना। इस मामले प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाया। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार के डीजीपी को प्रभुनाथ सिंह को पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद इस मामले में 28 अगस्त को प्रभुनाथ सिंह की ओर आवेदन दायर की गई थी। इसमें वर्चुअली उपस्थित होने की अनुमति मांगी थी। जस्टिस कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक सितंबर को सजा के सवाल पर सुनवाई के लिए फिजिकल उपस्थिति के बजाय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअली उपस्थित होने की अनुमति दे दी गई थी।
प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने 18 अगस्त को प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। वे फिलहाल विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
साल 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।
यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर अशोक सिंह की हत्या करने की धमकी दी थी। 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90वें दिन था।
VIDEO | “Court gave the sentence of life imprisonment (to Prabhunath Singh) while the next of kin of those who died will be given Rs 10 lakh compensation. Those injured will be given Rs 5 lakh each,” says Abhay Kumar, advocate of victims of 1995 double-murder case, after Supreme… pic.twitter.com/lruhGOfubV
— Press Trust of India (@PTI_News) September 1, 2023