सनातन धर्म को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS) के संयुक्त महासचिव डॉ. मनमोहन वैद्य ने शनिवार को कहा कि जो लोग सनातन धर्म को खत्म करने की बातें कर रहे हैं, उन्हें ऐसी बयानबाजी से पहले इसकी परिभाषा समझनी चाहिए। पुणे( Pune ) में संघ की समन्वय बैठक हुई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत एक अध्यात्मिक लोकतंत्र है।
बता दें कि हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा ने दावा किया था कि सनातन धर्म, समाज में बंटवारे को बढ़ावा देता है, इसलिए इसे खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने इसकी तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस से की थी। इस पर खूब हंगामा हुआ और जमकर राजनीतिक बयानबाजी हुई। जब इस बारे में आरएसएस ( RSS) के नेता मनमोहन वैद्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को खत्म करने की बात कर रहे हैं लेकिन क्या ये लोग इसका सही मतलब भी जानते हैं। उन्हें ऐसे शब्द बोलने से पहले सनातन धर्म की परिभाषा को भी समझना चाहिए।
आरएसएस ( RSS) नेता ने कहा कि सनातन का मतलब शाश्वत है और यह भारत के अध्यात्मिक जीवनचर्या का आधार है। इसी के चलते भारत ने आकार लिया। मनमोहन वैद्य ने डीएमके नेताओं को राजनीतिक कहकर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास में कई लोगों ने सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। भगवान कृष्ण ने कहा था कि जब भी धर्म पर संकट आएगा तो वह अवतार लेंगे। आरएसएस भी उसी राह पर चल रहा है।
देश के नाम को लेकर जारी विवाद पर वैद्य ने कहा कि भारत नाम में सभ्यतागत मूल्य हैं। दुनिया में कोई देश नहीं है, जिसके दो नाम हो, इसलिए भारत को भारत कहा जाना चाहिए। संघ की इस बैठक में आरएसएस से संबंद्ध 36 संगठनों के 250 प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान महिला सशक्तिकरण, स्वदेशी को बढ़ावा, पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा, सांप्रदायिक सद्भाव और आरएसएस के विस्तार के मुद्दों पर चर्चा हुई।

#WATCH | Pune, Maharashtra: Joint General Secretary RSS Manmohan Vaidya says, “The situation in Manipur is worrisome. Our workers have informed us about it. But mainly the decision has to be taken by the government. There is a conflict between the Meitei and Kuki communities. Our… pic.twitter.com/EkM9h8yI1w
— ANI (@ANI) September 16, 2023