Friday, September 20, 2024

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West Bengal: शांतिनिकेतन को मिला विश्व धरोहर का दर्जा, यहां आज भी पेड़ नीचे पढ़ते हैं छात्र .पीएम मोदी ने जताई खुशी

West Bengal's Shantiniketan makes it to UNESCO World Heritage list. PM Modi says, ‘a proud moment’

West Bengal's Shantiniketan makes it to UNESCO World Heritage list. PM Modi says, ‘a proud moment’ पश्चिम बंगाल (   के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन(  Shantiniketan  रविवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। इसका कारण है, नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करना। इस खबर से पूरे देश में खुशी का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर खुशी जताई है और इसे गर्व का क्षण बताया है। रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का अधिकांश समय यहीं बिताया था। हाल ही में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसे शामिल करने की सिफारिश की गई थी।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित शांतिनिकेतन(  Shantiniketan  को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। सऊदी अरब में रविवार को हुई वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया।

शांतिनिकेतन की शुरुआत रविंद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में एक आश्रम के तौर पर की थी। 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे प्राचीन भारत के गुरुकुल सिस्टम पर आधारित रेजिडेंशियल स्कूल और आर्ट सेंटर में बदला।

टैगोर ने 1921 में यहां विश्व भारती की स्थापना की, जिसे 1951 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया। रविंद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का लंबा समय यहां बिताया था।

शांतिनिकेतन(  Shantiniketan  के यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुशी जताई है।

 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांतिनिकेतन (  Shantiniketan  को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का पल है। वहीं, एस जयशंकर ने कहा कि यह देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर को सच्ची श्रद्धांजलि है।

इस घोषणा के बाद विश्वभारती यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। फैकल्टी, स्टाफ और स्टूडेंट्स ने पारंपरिक कपड़े पहने और रवींद्र-संगीत पर डांस किया।

ममता बनर्जी ने कहा कि शांतिनिकेतन का हेरिटेज लिस्ट में शामिल होना हमारे लिए खुशी और सम्मान की बात है। पिछले 12 सालों में हमारी सरकार ने शांतिनिकेतन के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने बताया कि शांतिनिकेतन वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने वाली भारत की 41वीं धरोहर है। लंबे समय से इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की मांग की जा रही थी।

जन-जन तक शिक्षा को पहुंचाने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर ने पांच विद्यार्थियों के साथ 1901 में एक स्कूल की स्थापना की, जो कालांतर में विश्व प्रसिद्ध विश्व भारती विश्वविद्यालय बना। आज इसे दुनिया शांतिनिकेतन के नाम से जानती है। यह पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के के बोलपुर के समीप है। यह स्थान आज पर्यटन स्थल बन गया है क्योंकि टैगोर ने यहां कई कालजयी साहित्यिक कृतियों का सृजन किया। उनका घर ऐतिहासिक महत्व की इमारत है। विश्व भारती में हजारों विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। शांतिनिकेतन का अर्थ होता है- शांति से भरा हुआ घर। इसके आस-पास की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है।

देश-दुनिया के पर्यटक इस जगह को घूमने जाते रहते हैं। शांतिनिकेतन सिर्फ पढ़ाई के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी कला अभिव्यक्ति के लिए भी मशहूर है। कला प्रेमियों को भी शांतिनिकेतन बहुत पसंद है क्योंकि ये जगह डांस, म्यूजिक और ड्रामा, जैसी सांस्कृतिक कलाओं का केंद्र है। तरह-तरह के भारतीय त्योहार भी यहां धूमधाम से मनाए जाते हैं। हर वर्ष होली मनाने के लिए हजारों लोग शांतिनिकेतन आते हैं।

उल्लेखनीय है कि रवींद्ररनाथ के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1863 में सात एकड़ जमीन पर एक आश्रम की स्थापना की थी। भारत की पुरानी आश्रम शिक्षा पद्धति लागू है, जिसके अनुसार पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई होती है। रवींद्रनाथ टैगोर को प्रकृति का सानिध्य काफी पसंद था।

भारत के राजदूत और UNESCO में स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा की ‘एक्स’ पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने लिखा। “बधाई हो. हमारे पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर और उन सभी लोगों को एक सच्ची श्रद्धांजलि जिन्होंने उनके संदेश को जीवित रखा है।”

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.