देश की नई संसद में आज 19 सितंबर को 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक( ‘Nari Shakti Vandan Adhiniyam’ ) पेश किया गया। इसके मुताबिक लोकसभा ( Lok Sabha ) और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। लोकसभा में इस बिल पर कल 20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी।
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर नए संसद भवन की शुरुआत पीएम मोदी के भाषण से हुई। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने मंगलवार को नए संसद भवन में पहले कानून को पेश करने का एलान किया उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार नारी शक्ति वंदन विधेयक ( ‘Nari Shakti Vandan Adhiniyam’ )पेश करने जा रही है। पीएम मोदी ने इसके लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा और कहा कि 19 सितंबर का ये दिन इतिहास में अमर होने वाला दिन है।
विधेयक के पर पीएम मोदी बोले- देश की विकास यात्रा में ऐसे मील के पत्थर आते हैं, जब वह गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सभी ने नया इतिहास रचा है। ऐसे कुछ पल जीवन में प्राप्त होते हैं। नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का यह पल और आज का यह दिवस संवत्सरी और गणेश चतुर्थी का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए इतिहास में नाम दर्ज करने वाला समय है। हम सभी के लिए यह पल गर्व का है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं। बहुत वाद-विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा विधेयक पहली बार पेश हुआ। अटलजी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उस कारण से वह सपना अधूरा रह गया।
इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में यह विधेयक पेश किया। विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश कर दिया। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन विधेयक ( ‘Nari Shakti Vandan Adhiniyam’ ) पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
ये एक सुखद संयोग है कि गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर नई संसद का शुभारंभ हुआ है। यहां से हमें एक नए विश्वास के साथ संकल्प से सिद्धि की ओर यात्रा को आगे ले जाना है। pic.twitter.com/AiSy8klwER
— Narendra Modi (@narendramodi) September 19, 2023