Friday, September 20, 2024

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 नए संसद भवन में पहला विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत से पास, समर्थन में 454 और विरोध में पड़े 2 वोट

Women's Reservation Bill Pass in Loksabha

Women's Reservation Bill Pass in Loksabhaसंसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को  (  ) में महिला आरक्षण बिल ( Women’s Reservation Bill) पास हो गया। पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट डले। अब कल (गुरुवार को) यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ बिल पारित होने पर खुशी हुई। मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है, जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा।

महिला आरक्षण बिल(नारी शक्ति वंदन विधेयक)  ( Women’s Reservation Bill) पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा- OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है, जबकि अमित शाह ने कहा- यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाएं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।

पर डिबेट का जवाब देने अमित शाह आए। उन्होंने कहा- संविधान के संशोधित करने वाले 128वें संशोधन पर बात करने के लिए मैं यहां खड़ा हूं। ये कहते ही विपक्ष का हंगामा शुरू कर दिया। इस पर शाह मुस्कुराते हुए राहुल गांधी की तरह बोले- डरो मत।

शाह ने कहा- महिला आरक्षण बिल ( Women’s Reservation Bill) युग बदलने वाला विधेयक है। कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। कल नए सदन का पहली बार श्री गणेश हुआ, कल गणेश चतुर्थी थी और पहली बार कई सालों से लंबित पड़े बिल को पास किया गया। देश में एससी-एसटी के लिए जितनी सीटें आरक्षित हैं, उनमें से भी 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तीकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है। मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया।

गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल भी है।

महिला आरक्षण बिल ( Women’s Reservation Bill) के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा, इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा।यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया। सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels