संसद के विशेष सत्र के के चौथे दिन राज्यसभा ( Rajya Sabha ) में भी महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक)(Women’s reservation bill) सर्वसम्मति से पास हो गया है। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 215 सांसदों ने बिल का समर्थन किया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। यह बिल लोकसभा में कल (बुधवार को) पास हुआ था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक-एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है। पीएम मोदी ने सभी सांसदों का आभार जताया और इसे संसदीय इतिहास का स्वर्णिम अवसर करार दिया।
सभी सांसदों ने अपने बयान के शुरुआत में कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं। इसके लिए सबका आभार। यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा। सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। सभी सांसदों से अनुरोध है कि सर्व सम्मति से इसे पास करें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को श्रेय देना चाहती हूं, उन्होंने महिलाओं को पंचायत राज में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इससे हमने पंचायत स्तर पर प्रगति देखी है। आज कई राज्यों में 33% आरक्षण को बढ़ाकर 50% किया गया है।
गुरुवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (Women’s reservation bill) पेश किया। इसके बाद कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने बिल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए।
इसके बाद भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महिला आरक्षण बिल (Women’s reservation bill) पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- ये बिल महिलाओं पर अहसान नहीं, बल्कि उनका वंदन और अभिनंदन है। अगर ये बिल आज पास होता है तो 2029 तक 33% महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी। वहीं, खड़गे ने कबीर का दोहा ‘काल करे सो, आज कर’ सुनाया और तुरंत आरक्षण लागू करने की मांग की।
जेपी नड्डा ने जवाब दिया कि भाजपा का उद्देश्य राजनीतिक फायदा लेने का नहीं है। सरकार नियमों से काम करती है और पक्का काम करने में विश्वास रखती है। इस पर विपक्षी सांसद ‘नो-नो’ करने लगे तो नड्डा ने कहा कि कि ‘नो-नो’ करने वालों को शासन करना नहीं आया। अगर शासन करना आता तो पता होता कि नियम-कानून भी कोई चीज है।
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सिल्वर स्पून के साथ पैदा होते हैं, उन्हें गरीबों की परेशानियां नहीं पता होतीं। एक लीडर को लीडर बनना पड़ता है, सिखाए हुए बयान देने से काम नहीं चलता।