दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव ( Delhi University Students Union
elections ) के परिणाम जारी हो चुके हैं। तीन पदों पर भाजपा समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP )और एक पद पर कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई ( NSUI ) ने बाजी मारी है।
छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP )को बड़ी जीत मिली है। अध्यक्ष पद पर उसके प्रत्याशी तुषार डेढ़ा विजयी घोषित किए गए हैं। सचिव और संयुक्त सचिव पद पर भी परिषद के ही अपराजिता व सचिन बैसला ने जीत हासिल की। एनएसयूआइ के अभि दहिया ने उपाध्यक्ष पद पर विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी व अपने मौसेरे भाई सुशांत धनकड़ को पराजित किया।दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव 4 साल बाद हुए हैं। आखिरी बार चुनाव 2019 में हुए थे।
छात्रसंघ मुख्य चुनाव अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को रिकॉर्ड 42% मतदान हुआ। 52 कॉलेजों में वोटिंग EVM से करवाई गई, जबकि कॉलेज यूनियन के लिए बैलट पेपर पर वोटिंग हुई। यह 2019 में हुए चुनाव के 39.90% से 2.10 फीसदी ज्यादा रहा। हालांकि 2018 में रिकॉर्ड 44.46% और 2017 में 42.8% वोटिंग हुई थी।
देश के गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने डूसू चुनाव में एबीवीपी ( ABVP )की जीत को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव परिणाम को लेकर ट्वीट किया और कहा कि स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों से प्रेरित होकर एबीवीपी ने हमेशा हमारे युवाओं के दिलों में राष्ट्रवाद और निस्वार्थ सेवा की लौ जलाई है।

एबीवीपी को तीन सीट पर 93 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एबीवीपी( ABVP ) के अक्षित दहिया कहते हैं, पहली बार एबीवीपी को 93 हजार से ज्यादा वोट तीन सीटों पर मिले हैं। वहीं, आइसा और एसएफआई को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। डूसू में एबीवीपी ने 2019 में तीन सीटों पर कब्जा किया था और एक सीट एनएसयूआई के नाम रही थी।
एबीवीपी ( ABVP )के अक्षित दहिया ने एनएसयूआई की चेतना त्यागी को हराया था। वहीं, डूसू पैनल की प्रेजिडेंट, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर एबीपीपी के कैंडिडेट जीते और सेक्रेटरी पोस्ट एनएसयूआई को मिली थी। इसी तरह 2018 में डूसू में एबीपीपी को 3 और एनएसयूआई को 1 पोस्ट मिली। प्रेजिडेंट पोस्ट एबीवीपी के अंकिव बसोया ने जीती थी, हालांकि फर्जी डिग्री की वजह से वे हटा दिए गए और वाइस प्रेजिडेंट पोस्ट पर एबीवीपी कैंडिडेट शक्ति सिंह इस पोस्ट पर प्रमोट हुए। 2017 में एनएसयूआई को प्रेजिडेंट (रॉकी तुसीद), वाइस प्रेजिडेंट और बाकी दो एबीवीपी को मिली। 2016 को प्रेजिडेंट (अमित तंवर) समेत तीन सीटें एबीपीवी और एक एनएसयूआई को मिली थी। 2014 और 2015 में एबीवीपी का क्लीन स्वीप था।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में @ABVPVoice को मिली प्रचंड जीत पर परिषद् के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।
यह जीत राष्ट्रहित को सर्वप्रथम मानने वाली विचारधारा में युवा पीढ़ी के विश्वास को दर्शाती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि परिषद् के कार्यकर्ता युवाओं में स्वामी…
— Amit Shah (@AmitShah) September 23, 2023