Thursday, July 04, 2024

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राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी के बाद ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ महिलाओं के आरक्षण का बना कानून,गजट नोटिफिकेशन जारी

President Murmu gives nod to women's reservation bill, 'Nari Shakti Vandan Adhiniyam' becomes lawमहिला आरक्षण बिल ( Women’s Reservation Bill) पर राष्ट्रपति  (President  Draupadi Murmu ) ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिसके बाद अब नारी शक्ति वंदन अधिनियम कानून बन गया है। भारत सरकार ने इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की है।

बता दें कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक को गुरुवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति के पास उनके अनुमोदन के लिए भेजा गया था। इसी महीने की शुरुआत में संसद के विशेष सत्र के दौरान संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था। इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा।

शुक्रवार को जारी विधि मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति ने गुरुवार को विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। इसे अब आधिकारिक तौर पर संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के रूप में जाना जाएगा। इसके प्रावधान के अनुसार, ‘आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित केंद्र सरकार की अधिसूचना की तारीख से यह प्रभावी होगा।’

इस विधेयक के जरिये लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, महिलाओं को इसका लाभ जनगणना और परिसीमन (लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण) की प्रक्रिया के बाद ही मिलेगा।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद  (  ) की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह आरक्षण 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषद दायरे में नहीं आएंगी।अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। इसे लागू होने के लिए देश की 50% विधानसभाओं में पास होना जरूरी है। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं, नारी शक्ति वंदन कानून के तहत लोकसभा में 181 महिला सांसद रहेंगी।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून भी बन गया है, लेकिन इसको अमल में लाने से पहले दो शर्तों को पूरा करना होगा। ये शर्तें जनगणना और परिसीमन की हैं जिन्हें पूरा करने में कई साल लग सकते हैं। नारी शक्ति वंदन कानून के प्रभावी होने की दो शर्तें रखी गईं हैं। इसके मुताबिक महिला आरक्षण( Women’s Reservation Bill) कानून आगामी जनगणना के बाद लागू होगा। कानून बनने के बाद होने वाली जनगणना के बाद आरक्षण लागू करने के लिए नए सिरे से परिसीमन होगा। परिसीमन के आधार पर ही महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित की जाएंगी।

महिला आरक्षण ( Women’s Reservation Bill)में ओबीसी कोटा के सवाल के कारण विधेयक बीते 28 साल से लटका हुआ था। सामाजिक न्याय की राजनीति से जुड़े क्षेत्रीय दल कोटा के बिना इस विधेयक की राह में रोड़ा बने हुए थे। हालांकि मोदी सरकार ने भी सांविधानिक कारणों का हवाला देते हुए कानून में ओबीसी कोटा का प्रावधान नहीं किया

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.