उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ( Lucknow) में विकास नगर इलाके में बैंक के 20 लाख के कर्ज से परेशान 38 साल के डॉक्टर प्रदीप वर्मा( (Dr. Pradeep Verma ) ने फांसी लगा ली। सुबह जब मकान मालिक घर पर पहुंचे तो घटना का पता चला। कमरे से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने कर्ज की अदायगी न हो पाने के चलते तनाव में होने की बात लिखी है। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। हादसे की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। प्रदीप अविवाहित थे।
बाराबंकी (Barabanki) जिले के मसौली के रहने वाले प्रदीप वर्मा ने 2013 में केजीएमयू से एमबीबीएस (MBBS )किया था। मृतक के पिता सूर्य प्रकाश वर्मा के मुताबिक, बेटा प्रदीप लखनऊ ( Lucknow) के विकासनगर के विनायकपुरम में ओपी गुप्ता के मकान पर काफी समय से किराये पर रह रहे थे। प्रदीप गुडंबा के एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे थे।
पिता ने बताया कि मकान मालिक किसी काम से डॉ प्रदीप वर्मा ( (Dr. Pradeep Verma ) को घर की जिम्मेदारी सौंपकर शनिवार को बाराबंकी गए थे। प्रदीप घर में अकेले थे। रविवार सुबह मकान मालिक लौटे तो दरवाजा बंद था। खटखटाने पर भी जवाब नहीं मिला। खिड़की तोड़कर अंदर पहुंचे तो गमछे के सहारे प्रदीप का शव पंखे से लटका मिला। सूचना पर लखनऊ ( Lucknow) पुलिस और प्रदीप के घरवाले भी पहुंच गए। परिवार में मां चंदा देवी, एक बड़ा भाई संदीप है। सूर्य प्रकाश बेटे संदीप के साथ गांव में क्लीनिक चलाते हैं।
खुद के हॉस्पिटल की प्लानिंग कर रहे डॉ. प्रदीप ने 2 बैंक से 20 लाख रुपए का लोन लिया था। कमरे में मिले सुसाइड नोट के मुताबिक, 8 लाख रुपए का लोन चुकाने के बावजूद अब वो किस्त नहीं दे पा रहे थे। इसी परेशानी में उन्होंने सुसाइड कर लिया।

पिता ने बताया,डॉ प्रदीप वर्मा के ( (Dr. Pradeep Verma ) पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि बैंक से कर्ज लिया था जो चुका नहीं पाने की वजह से काफी परेशान हूं।” दरअसल, प्रदीप ने लखीमपुर में एक अस्पताल खोलने के लिए दो बैंकों से बीस लाख रुपया लोन ले रखा था। जिसमें से करीब आठ लाख रुपए अदा भी कर चुका है। बैंक की किश्तें जमा नहीं होने से उसको बैंक वाले फोन करके परेशान कर रहे थे। जिससे वह बीते कुछ दिनों से काफी परेशान था।