Friday, September 20, 2024

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Uttar Pradesh :दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान ,पत्नी और बेटे को 7-7 साल की सजा,रामपुर जेल भेजे गए, बोले-इंसाफ-फैसले में फर्क होता है

Difference between Justice and Decision, says Azam Khan after being sentenced with wife, son for 7 seven years in two birth certificate case

 (  के  पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता   (  ) के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आजम खान, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फात्मा को सात साल की सजा सुनाई है।

कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद  तीनों को कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया गया। पुलिस की गाड़ी से तीनों को रामपुर जेल लाया गया। जेल जाने से पहले आजम ने कहा, “इंसाफ और फैसले में फर्क होता है। आज फैसला हुआ है। हम लोग फैसले के खिलाफ जाने के लिए विचार करेंगे। हमारे वकील लोग विचार करेंगे। इस फैसले के बारे में कल से पूरे शहर को मालूम था कि कितनी सजा होनी है। हम लोगों को आज पता चला है।”

बुधवार को कोर्ट ने तीनों को पेश होने का आदेश दिया था। सुबह आजम खान  ( Azam Khan ), पत्नी और बेटे के साथ कोर्ट पहुंच गए थे। वहां पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। दूसरे पक्ष के वकील के मुताबिक, कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया है।

आजम खान  ( Azam Khan ) के बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र हैं। एक पत्र रामपुर में बना है। चुनाव लड़ने के समय इन्होंने लखनऊ से दूसरा प्रमाण पत्र बनवाया था। शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है। जबकि, जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 बताया गया है।

यह मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद उस पर सुनवाई शुरू हुई थी। अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था। इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव भी रद्द कर दिया गया था। चुनाव लड़ने के लिए अपनी जन्म तिथि बढ़ाई हुई पाई गई।

सपा नेता आजम खान  ( Azam Khan ), उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा को सात-सात साल की कैद की सजा दस्तावेजी साक्ष्य और गवाहों के आधार पर हुई है। अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि अभियोजन की तरफ से 15 गवाह और 70 दस्तावेजी साक्ष्य कोर्ट में पेश किए गए। यही साक्ष्य तीनों की सजा का आधार बने हैं। जबकि, बचाव पक्ष की ओर से 19 गवाह पेश किए गए, लेकिन अदालत में उनके बयान सिद्ध नहीं हो सके।

भाजपा नेता और विधायक आकाश सक्सेना ने साल 2019 में रामुपर के गंज थाने में अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। ये मुकदमा दो जन्म प्रमाणपत्रों से जुड़ा था। इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम, उनकी पत्नी डॉ. तंजीन को भी आरोपी बनाया था। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

इस फैसले के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में रिवीजन दायर की गई थी, जिसे एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। मंगलवार को अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ताओं ने लिखित बहस दाखिल की। इसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया।

सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम दूसरी दफा 2022 में स्वार टांडा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और वह जीत भी गए, लेकिन मुरादाबाद के छजलैट प्रकरण के 15 साल पुराने मामले में कोर्ट ने उनको दोषी ठहराते हुए 14 फरवरी 2023 को दो साल की कैद व तीन हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी दूसरी बार भी चली गई थी।

Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.