गुजरात(Gujarat) के सूरत( surat ) में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या की है। मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। घटना सूरत के पालनपुर जकातनाक रोड की है। जहां शनिवार सुबह पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली। पुलिस की जांच में पता चला है कि परिवार के छह लोगों की मौत जहर खाने से हुई है। वहीं एक सदस्य ने फांसी लगाई है। मृतकों की पहचान मनीष सोलंकी, उसकी पत्नी रीता, मनीष के पिता कानू, माता शोभा और तीन बच्चे दिशा, काव्या और कुशल शामिल हैं।
सूरत( surat ) पुलिस ने कहा कि सातों शव अदजान इलाके के एक अपार्टमेंट में पाए गए और मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें कहा गया है कि परिवार आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठा रहा है।
मनीष का शव पंखे से लटकता मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इस सुसाइड नोट में मनीष सोलंकी ने आर्थिक संकट की बात कही है। ऐसी भी आशंका है कि मनीष ने अन्य परिजनों को जहर देकर मारा और फिर खुद भी फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी। मनीष सोलंकी का फर्नीचर का बिजनेस था और उसके साथ 35 कर्मचारी काम रहे थे। शनिवार को मनीष के साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने उनसे संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो घर जाकर देखा गया। स्थानीय लोग दरवाजा तोड़कर घर के अंदर घुसे तो सामूहिक आत्महत्या की घटना का खुलासा हुआ।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए सूरत( surat ) पुलिस उपायुक्त (जोन-5) आर. पी. बरोट ने कहा,‘एक व्यक्ति, उसकी पत्नी, उसके माता-पिता, दंपति का बेटा और दो बेटियां आज दोपहर सूरत के सिद्धेश्वर अपार्टमेंट में अपने आवास में मृत पाए गए। हम उनकी मौत के सटीक कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ अधिकारी ने कहा कि ठेकेदार के रूप में काम करने वाले मनीष सोलंकी को फंदे से लटका हुआ पाया गया, जबकि तीन बच्चों सहित उनके परिवार के 6 सदस्यों के शव घर के बिस्तर और फर्श पर पड़े पाए गए। परिवार के सदस्यों की पहचान मनीष सोलंकी, पत्नी रीता सोलंकी, पिता शांतिलाल, मां शोभना, बेटा कुशल (7) और बेटियों काव्या एवं दिशा (5 एवं 3 वर्ष) के रूप में हुई है।
#WATCH | Surat, Gujarat: On the alleged suicide of seven members of a family, Rakesh Barot, DCP, Surat, says, “Seven members of a family have committed suicide… They have written a suicide note, and we are verifying the reason… It appears mostly to be an economic problem…… pic.twitter.com/YvvOc51HuJ