झारखंड( Jharkhand ) की राजधानी रांची ( Ranchi ) में प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने वाली महिला संगीता झा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। संगीता झा पर सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर तीन जवानों को निलंबित भी किया गया है।
रांची ( Ranchi ) में बुधवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान-सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जा रहे थे, तभी एक महिला अचानक दौड़कर सामने आ गई। प्रधानमंत्री की गाड़ी के अचानक सामने आने से ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिया। तुरंत सुरक्षा में तैनात अधिकारी हरकत में आये और महिला को पकड़ कर सड़क के किनारे किया। कोतवाली थाने में उससे पूछताछ हुई फिर उसे छोड़ दिया गया।
इस मामले ने तूल पकड़ा तो कार्रवाई आगे बढ़ाई गई। तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) और दो कॉन्स्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है। जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें एएसआई अबू जफर, सिपाही छोटेलाल टुडू और सिपाही रंजन कुमार शामिल हैं।
रांची ( Ranchi ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि उसकी शादी 2012 में झारखंड के देवघर जिले के जमुनी गांव में एक व्यक्ति से हुई थी। लेकिन, 2016 में उनके बीच विवाद शुरू हो गया और आए दिन उसका पति उससे मारपीट करने लगा।’’

एसएसपी ने कहा, ‘‘महिला चाहती है कि उसके पति का वेतन उसके बैंक खाते में जमा कराया जाए। इस संबंध में वह गत अक्टूबर में प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली भी गई थी और वहां 10 दिनों तक रही। प्रधानमंत्री से नहीं मिल पाने के बाद उसने राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश की। जब सभी प्रयास असफल रहे तो वह देवघर वापस लौट गयी।
जब उसे पता चला कि प्रधानमंत्री रांची ( Ranchi ) आ रहे हैं तो वह रांची पहुंच गयी। मंगलवार की रात रोड शो के दौरान उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा घेरा मजबूत था वह तमाम प्रयास के बाद भी नहीं मिल सकी। बुधवार को राजभवन जाने का प्रयास कर रही थी लेकिन उसे रोका गया। महिला निराश होकर वापस लौट रही थी तभी उसे रांची के रेडियम रोड पर अचानक उसने प्रधानमंत्री के काफिले का सायरन सुना और उनसे मिलने के लिए वह काफिले के सामने आ गई।
सांसद संजय सेठ ने भी इस चूक पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सांसद सेठ ने कहा कि यह सामान्य मामला नहीं है। माननीय प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक गंभीर विषय है। किसी महिला का सीधे माननीय प्रधानमंत्री के गाड़ी के सामने आ जाना, यह सरकार की चूक है। आखिर कैसे चाक चौबंद सुरक्षा के बीच कोई महिला पीएम की गाड़ी के आगे आ जातिहै। इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। मामला चाहे जो भी हो, महिला कोई भी हो, बात पीएम की सुरक्षा का है। यह विशेष सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। यह विशुद्ध रूप से सरकारी और प्रशासनिक लापरवाही है। सांसद सेठ ने कहा कि सरकार को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई। दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह के घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।
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