वाराणसी (Varanasi) स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर की सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में एक बार फिर नहीं दाखिल नहीं की जा सकी। भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है कि एएसआई के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई है। लिहाजा वह अदालत में उपस्थित होकर रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते बाद की तिथि नियत की जाए। जिला जज की अदालत ने 18 दिसंबर तक की मोहलत दी है।
बता दें कि इससे पहले बीते 30 नवंबर को एएसआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीसरी बार 10 दिन का अतिरिक्त समय अदालत ने दिया था। साथ ही, यह भी कहा था कि उम्मीद करते हैं कि एएसआई अब आगे समय की मांग नहीं करेगा।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश से ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid )परिसर में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था। दो नवंबर को एएसआई ने कोर्ट को बताया कि सर्वे का काम पूरा हो गया है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय चाहिए। इसके बाद एएसआई ने दोबारा अतिरिक्त समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की। तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग करने पर अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत एएसआई को दी। इसके साथ ही इस प्रकरण की सुनवाई की अगली तिथि 11 दिसंबर नियत कर दी थी।
एएसआई की तरफ से दी गई इस याचिका का विरोध किसी भी पक्ष ने नहीं किया। मुस्लिम पक्ष के पैरोकार की तरफ से यह कहा गया कि स्वास्थ्य कारण एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसकी वजह से तारीख बढ़ाया जाने पर उनको कोई आपत्ति नहीं है। वहीं महिला याचिकाकर्ताओं के वकील की तरफ से कोई आपत्ति नहीं की गई। इसके बाद जिला जज ने अगली तारीख 18 दिसंबर नियत कर दी। ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर पर एएसआई को रिपोर्ट जमा करने के लिए चौथी बार तारीख दी गई है।