उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के जौनपुर (Jaunpur) जिले में श्रमजीवी विस्फोट कांड ( Shramjeevi Express blast case) के 18 साल बाद दोषी करार दिए गए दो आतंकवादियों को दो मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने सजा सुनाई। इस आतंकी धमाके में कुल 14 लोग मारे गए थे जिसमें 12 लोगों की मौत घटनास्थल पर हुई थी, जबकि दो की मौत बाद में हुई थी। वहीं 62 लोग घायल हुए थे।
28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 14 लोग मरे थे व करीब 62 लोग गंभीर घायल हुए थे। मामले में ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर एवं षड्यंत्र करने वाले आतंकी ओबैदुर्रहमान को वर्ष 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव की अदालत में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है जो विचाराधीन है।
22 दिसंबर 2023 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय की अदालत ने श्रमजीवी विस्फोट केस ( Shramjeevi Express blast case) में ट्रेन में बम रखने के आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन व विस्फोट में सहयोग के आरोपित नफीकुल विश्वास निवासी बंगाल को हत्या, हत्या के प्रयास विस्फोटक अधिनियम एवं अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था।
हिलाल ने बांग्लादेशी आतंकी रोनी के साथ श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा था। रोनी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके साथ ही आतंकी ओबैदुर्रहमान का विचारण इन दोनों दोषियों के साथ चला था।उसे भी मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। ऐसे में इन दोनों को भी मृत्युदंड की सजा होनी चाहिए। फांसी के अलावा अन्य कोई सजा ऐसे दोषियों के लिए कम है।
