Sunday, April 20, 2025

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Uttar Pradesh :जौनपुर में श्रमजीवी ट्रेन बम विस्फोट कांड के 18 साल बाद कोर्ट ने दो आतंकवादियों को सुनाई मृत्युदंड की सजा, धमाके में मारे गए थे 14 लोग

2005 Shramjeevi Express blast case accused get death penalty

 ( के   ()  जिले में श्रमजीवी विस्फोट कांड ( Shramjeevi Express blast case) के 18 साल बाद दोषी करार दिए गए दो आतंकवादियों को दो मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने सजा सुनाई। इस आतंकी धमाके में कुल 14 लोग मारे गए थे जिसमें 12 लोगों की मौत घटनास्थल पर हुई थी, जबकि दो की मौत बाद में हुई थी। वहीं 62 लोग घायल हुए थे।

28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों द्वारा किए गए बम विस्फोट में 14 लोग मरे थे व करीब 62 लोग गंभीर घायल हुए थे। मामले में ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर एवं षड्यंत्र करने वाले आतंकी ओबैदुर्रहमान को वर्ष 2016 में अपर सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव की अदालत में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है जो विचाराधीन है।

शेष दोनों आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल के नफीकुल को दोषी करार दिया गया। सजा के लिए दो जनवरी 2024 की तिथि मुकर्रर की गई थी, लेकिन इस तिथि पर कोर्ट में दंड के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए सजा की तिथि बुधवार यानी आज नियत की गई। इस मामले में वर्ष 2016 में दो आतंकियों को फांसी की भी सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की है, जो विचाराधीन है।
22 दिसंबर 2023 को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय की अदालत ने  श्रमजीवी विस्फोट केस  ( Shramjeevi Express blast case) में ट्रेन में बम रखने के आरोपी बांग्लादेश निवासी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन व विस्फोट में सहयोग के आरोपित नफीकुल विश्वास निवासी बंगाल को हत्या, हत्या के प्रयास विस्फोटक अधिनियम एवं अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था।
इसके पूर्व मंगलवार को सजा के बिंदु पर हुई बहस में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी वीरेंद्र मौर्य ने अपना पक्ष रखते हुए श्रमजीवी विस्फोट  ( Shramjeevi Express blast ) की घटना को विरल से विरलतम बताया था। उन्होंने दिल्ली राज्य बनाम नवजोत संधू 2005 सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया।
उन्होंने  कहा था कि इसमें संसद भवन पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में नौ लोग आतंकियों की गोली से मारे गए थे और 16 व्यक्ति घायल हुए थे, जबकि श्रमजीवी विस्फोट कांड में हुए बम विस्फोट में 14 लोग मारे गए व 62 लोग घायल हुए।

हिलाल ने बांग्लादेशी आतंकी रोनी के साथ श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा था। रोनी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके साथ ही आतंकी ओबैदुर्रहमान का विचारण इन दोनों दोषियों के साथ चला था।उसे भी मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है। ऐसे में इन दोनों को भी मृत्युदंड की सजा होनी चाहिए। फांसी के अलावा अन्य कोई सजा ऐसे दोषियों के लिए कम है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels