कर्नाटक ( Karnataka) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े 31 वर्ष पुराने मामले में हाल में एक हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में अपना विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए बृहस्पतिवार को ‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ अभियान( ‘I am a Karsevak, arrest me too’ ) शुरू किया।
‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ ( ‘I am a Karsevak, arrest me too’ ) कैंपेन शुरू किया। भाजपा नेता राज्य के पुलिस थानों के बाहर पोस्टर लेकर बैठे हैं।बेंगलुरु में विधायक और पूर्व मंत्री वी सुनील कुमार ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ “जय श्री राम” का नारा लगाते हुए सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन के पास धरना प्रदर्शन किया।भाजपा के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा और सीटी रवि ने भी शिवमोग्गा और चिकमंगलुरु कलेक्टर ऑफिस के बाहर बैठकर राम नाम का जाप किया।
बेंगलुरु में एक थाने के सामने बैठे बीजेपी महासचिव सुनील कुमार करकरला ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार राम भक्तों को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले डराने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने अपने सभी विधायकों, एमएलसी, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा है कि इस ‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ ( ‘I am a Karsevak, arrest me too’ ) अभियान को तबतक जारी रखें, जबतक कि राज्य सरकार गिरफ्तार ‘कार सेवकों’ को रिहा नहीं कर देती।

कारसेवक श्रीकांत पुजारी को दिसंबर 1992 में दर्ज दंगे के एक मामले में पिछले हफ्ते नॉर्थ कर्नाटक के हुबली में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि तत्कालीन सरकार की धमकियों के बावजूद कर्नाटक के हजारों लोगों ने 1990 और 1992 में अयोध्या में कार सेवा में हिस्सा लिया था।
हुबली पुलिस के मुताबिक श्रीकांत ने 5 दिसंबर 1992 को एक दुकान में आग लगाई थी। श्रीकांत तीसरा आरोपी है। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम बनाई है। जल्द ही उन्हें भी पकड़ा जाएगा।
हुबली पुलिस ने हिंसा से जुड़े केस में कुल 300 आरोपियों की लिस्ट बनाई है। अब इन आरोपियों की उम्र 70-75 के बीच है। कई लोग तो शहर से बाहर बस गए हैं।
बीजेपी ‘कार सेवक’ श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तार के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है और उसपर हिंदू-विरोधी होने का आरोप लगा रही है।
भाजपा के विरोध प्रदर्शन को ठंडा करने के लिए मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से इस तरह का स्पष्टीकरण देने की कोशिश की जा चुकी है कि पुजारी 16 असमाजिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं और खुद को बचाने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। लेकिन, बीजेपी पर सरकार की इन दलीलों का असर नहीं पड़ा है।