लखनऊ ( Lucknow) के गोमतीनगर विस्तार थाने में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) में तैनात एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव (Rahul Srivastava), उनकी पत्नी, दोस्त सौरभ, सतीश, विक्रम, सिद्धार्थ व अन्य के खिलाफ दुष्कर्म,धमकाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। गोमतीनगर विस्तार थाने में युवती ने मुकदमा दर्ज कराया। वारदात के समय उसकी उम्र 16-17 वर्ष थी, वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थी।
युवती ने आरोप लगाया कि यूपी एटीएस (UP ATS)में एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव(Rahul Srivastava), पर उसे एक होटल में नोट्स देने के बहाने बुलाकर नशीला पेय पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप है। युवती का आरोप है कि आरोपी उसकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण करते रहे। उनकी पत्नी, सौरभ, विक्रम, सिद्धार्थ व अन्य पर धमकाने का आरोप लगाया है। वहीं, राहुल श्रीवास्तव ने सभी आरोप बेबुनियाद बताकर कहा कि जांच में सब साफ हो जाएगा।
पीड़िता के फेसबुक के माध्यम से उसकी राहुल श्रीवास्तव से पहचान हुई। राहुल(Rahul Srivastava), ने उसे यूपीएससी क्वालिफाई कराने का भरोसा दिया। इसके बाद अक्सर पढ़ाई के नोट्स देने राहुल नाबालिग छात्रा के पास आने-जाने लगे।
आरोप है कि वर्ष 2019 में नोट्स व रिसर्च वर्क कराने के भरोसे राहुल ने उसे एक होटल में मिलने बुलाया। वहां राहुल ने उसे नशीला पदार्थ पदार्थ पिलाकर बेहोश कर उसके साथ दुष्कर्म किया। राहुल ने उसकी अश्लील फोटो खींच ली। उसी से ब्लैकमेल कर राहुल उसका यौन शोषण करता रहा।

पीड़िता के मुताबिक उसने यूपी एटीएस (UP ATS) के राहुल श्रीवास्तव (Rahul Srivastava),की पत्नी को मामले के बारे में बताया। वर्तमान में राहुल की पत्नी एक यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक विभाग में प्रोफेसर है। वहीं दोस्त सौरभ, सतीश, विक्रम, सिद्धार्थ व अन्य ने उसे राहुल के खिलाफ शारीरिक शोषण की शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। इन सभी आरोपितों ने उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि वह दो महीने से DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर और कमिश्नर के दफ्तर के चक्कर लगा रही है, लेकिन कहीं पर सुनवाई नहीं हुई है। इसके बाद X पर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई।पीड़िता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, ”यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ पुलिस, एडीजी यूपी, उत्तर प्रदेश सीएमओ ऑफिस, उत्तर प्रदेश सरकार ऑफिस, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी उत्तर प्रदेश और भारत के प्रधानमंत्री ऑफिस को टैग करते हुए लिखा कि “आपकी सरकार में ऐसे अधिकारियों के द्वारा मेरी इज्जत को रोज उछाला गया, कृपया एफआईआर दर्ज कर मुझे इंसाफ दें।”
पीड़िता ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं डीजीपी यूपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, एडीजी एडमिन नीरा रावत के पास भी पहुंची, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।”