Friday, September 20, 2024

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Uttar Pradesh : मशहूर शायर मुनव्वर राणा का हुआ निधन, 71 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Munawwar Rana praises Taliban, calls India cruel

मशहूर ( )  का निधन हो गया है। उन्होंने लखनऊ में 71 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। जानकारी के अनुसार वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के आईसीयू वॉर्ड में चल रहा था। राणा की हिंदी, अवधी, उर्दू भाषा में कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। हालांकि देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए उन्होंने अवॉर्ड वापस लौटा दिया था।

वहीं पिछले साल मई में भी उनकी हालात काफी ज्यादा बिगाड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के अपोलो अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उस समय शायर के पित्ताशय (गाल ब्लैडर) का ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद से उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। हालांकि उस समय वह ठीक हो गए थे। वहीं पिछले दिनों किडनी संबंधित परेशानियों के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। यहां वह आईसीयू वार्ड में भर्ती थे। जिसके बाद रविवार देर रात साढ़े 11 बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली।

रायबरेली जिले के मूल निवासी मशहूर शायर राणा ( Munawwar Rana )को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ‘मां’ पर लिखी अपनी रचनाओं से शायर राणा ने देश-विदेश में खूब ख्याति अर्जित की। शायर मुनव्वर राणा जितने ज्यादा मशहूर रहे उतने ही विवादों में भी रहे। पिछले साल ही उन्होंने पिछले साल ही वाल्मीकि समुदाय की तालिबान से तुलना की थी जिसके बाद बवाल मच गया था। इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले में हजरतगंज कोतवाली में शायर मुनव्‍वर राणा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

मुनव्वर राणा अ( Munawwar Rana )क्सर विवादों में रहते थे। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठा दिया था। वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए।

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान-पलायन और जिन्ना जैसे शब्द चर्चा में था। उसी बीच शायर मुनव्वर राणा ने एक चैनल से इंटरव्यू में कहा था कि ‘वर्तमान सरकार पलायन-पलायन रट रही है, लेकिन भाजपा सरकार में मुसलमानों में इतना खौफ है कि कोई बोल नहीं सकता है। अगर फिर भी ओवैसी की मदद से भाजपा की सरकार आ जाती है तो हमें यहां रहने की जरूरत नहीं है, मैं यहां से पलायन कर लूंगा’।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.