मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के सागर ( Sagar ) जिले के बीना( Bina ) में डॉक्टर दंपती ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि उन पर अत्यधिक कर्ज हो गया था। इसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। उनका एक बेटा है जो पटना में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।
सागर के बीना ( Bina ) की नंदन वाटिका कॉलोनी निवासी डॉक्टर दंपती का शव उनके ही घर में मिला है। डॉ. बलवीर कैथोरिया का शव मिला फंदे पर था और पत्नी डॉ. मंजू कैथोरिया का शव पलंग पर था। डॉ. बलवीर कैथोरिया कुरवाई अस्पताल में पदस्थ थे। पत्नी डॉ. मंजू कैथोरिया सिविल अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। उनका बेटा पटना से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। वह सुबह सात बजे घर पहुंचा, तो वहां दोनों की लाशें थी। बेटे ने ही पड़ोसियों को सूचना दी थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीना ( Bina ) में डॉक्टर दंपती ने शुक्रवार रात अपने बेटे प्रतीक कैथोरिया से बात की थी। दोनों ने कहा कि अच्छे से पढ़ाई करना और अच्छे से रहना। बेटे ने कहा था कि वह ट्रेन में है और सुबह बीना पहुंच जाएगा। जब वह शनिवार सुबह अपने घर पहुंचा तो घर का मेन गेट खुला मिला। इसके बाद वह ऊपर कमरे में पहुंचा, जहां पिता फंदे पर लटके हुए थे और मां बेड पर पड़ी थी। यह देखकर उसके होश उड़ गए।डॉक्टर बलवीर कैथोरिया ने बीना थाना प्रभारी के नाम से सुसाइड नोट छोड़ा है।
उन्होंने लिखा, ‘कर्ज की किस्त के लिए बैंक दबाव बना रहे हैं इस कारण हम आत्महत्या कर रहे हैं।’ डॉक्टर बलवीर कैथोरिया का शव फंदे पर लटका मिला। मंजू कैथोरिया का शव बिस्तर पर पड़ा था। उन्हें नींद के इंजेक्शन लगाए गए हैं। इसके ओवरडोज से उनकी मौत हुई है।
डॉक्टर दंपती ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘हमने आईसीआईसीआई, यश बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल, चोला मंडलम से करोड़ों रुपए का कर्ज लिया था। किस्त जमा करने के लिए बैंक दबाव बना रहे हैं। हमने बैंकों की किस्त भरने के लिए जमीन बेचने का भी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं बिकी।’
दो पेज का सुसाइड नोट लिखने में उन्होंने दो पेन का उपयोग किया है। इसमें लिखा है कि हमारी मौत के बाद बेटे को परेशान नहीं किया जाए। डॉक्टर बलवीर ने खुद पर 10 साल तक चले प्रकरण का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, ‘बीना के अस्पताल में पदस्थ रहते हुए मुझ पर एक नर्स ने छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। इसमें करीब 10 साल की सुनवाई के बाद दिसंबर 2023 में मैं बरी हो गया। मुझे झूठा फंसाया गया था।
डॉक्टर दंपती के नंदन वाटिका कॉलोनी स्थित पड़ोसियों ने बताया कि वे तीन करोड़ रुपए का घर भोपाल में खरीदने वाले थे। डॉक्टर मंजू ने इसका जिक्र किया था। उनका बेटा प्रतीक पटना में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वे बेटे के लिए बड़ा अस्पताल बनाने की योजना कर रहे थे। वे लोग इसे लेकर ही कर्ज लेने की बात करते थे। हालांकि, पड़ोसियों ने अपना नाम बताने से मना कर दिया।
बीना( Bina ) टीआई भरत सिंह ठाकुर ने बताया, ‘शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर बलवीर की मौत फांसी लगाने से और डॉ.मंजू की मौत इंजेक्शन से हुई है। उन्हें कौन सा इंजेक्शन लगाया गया था, इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगा। उन्हें इंजेक्शन दिया या उन्होंने खुद लगाया, यह भी जांच कर रहे हैं। डॉ. बलवीर का शव पंखे पर लटका मिला।’
डॉक्टर बलवीर कैथोरिया ने घर में पले हुए कुत्ते को बांधने वाली रस्सी से फांसी लगाई है। डॉ. मंजू बिस्तर पर पड़ी मिलीं। दंपती के घर से एक टूटी हुई रस्सी मिली है। आशंका है कि उन्होंने पहले इस रस्सी से फांसी लगाने का प्रयास किया था।’
दंपती की 18 वर्षीय बेटी पूर्वा कैथोरिया ने भी करीब 3 साल पहले अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी थी। पूर्वा मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी, जिसको लेकर वह डिप्रेशन में थी। बेटी के निधन के बाद दंपती तनाव में रहने लगे थे। कुछ महीनों से डॉ. बलवीर कैथोरिया अस्पताल भी नहीं जा रहे थे।