Sunday, April 20, 2025

Ayodhya Ram Mandir, INDIA, News, Religion

Ram Temple: सूरत के हीरा कारोबारी ने राम मंदिर को दान किया 11 करोड़ का बालक राम का मुकुट, सोने-चांदी में हीरे के साथ जड़े हैं बहुमूल्‍य रत्‍न

Surat-based diamond trader gifts ‘Crown’ worth Rs 11 crore for Ram Lalla’s idol in Ayodhya

Surat-based diamond trader gifts ‘Crown’ worth Rs 11 crore for Ram Lalla’s idol ) के एक हीरा व्यापारी ,ग्रीन लैब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल ने ) में  राम की प्रतिमा को पहनाने के लिए 11 करोड़ रुपए का मुकुट(Crown)  भेंट किया है। इस मुकुट का कुल वजन 6 किलोग्राम है, जिसमें साढ़े 4 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कई हीरे, माणिक, मोती, मोती, नीलम जड़े हुए हैं।

जैसे ही अयोध्या के मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमा फाइनल हुई, कंपनी ने अपने दो कर्मचारियों को विशेष विमान से अयोध्या भेजा। ये कर्मचारी प्रतिमा के सिर का नाप लेकर आए। फिर इस नाप से मुकुट(Crown)  तैयार किया गया। प्राण प्रतिष्ठा के दिन इस मुकुट को मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।

विश्व हिंदू परिषद के नेता दिनेश भाई नावडिया ने बताया कि ग्रीन लेब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल ने राम मंदिर को सोने और हीरों जड़ित मुकट (Crown) देने की इच्छा जताई थी। उन्‍होंने कहा कि 5 जनवरी को नवनिर्मित राम मंदिर में कौन सी मूर्ति विराजमान होगी, इस बारे में तय नहीं था। इसलिए बाद में कंपनी के दो कर्मचारियों को अयोध्या भेजा गया, मूर्ति तय होते ही दोनों कर्मचारी मुकुट का नाप लेकर सूरत लौटे और मुकट बनाने का शुरू किया गया।

बता दें कि राम मंदिर के लिए हीरा कारोबारी दिलीप कुमार ने 101 किलो सोने का दान किया है, जिसकी कीमत करीब 68 करोड़ रुपये है। इसका उपयोग  मंदिर के 8 दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाने में किया गया है. वहीं कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने 11.3 करोड़ रुपये का दान किया है।

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई श्रीरामलला की नई मूर्ति को बालक राम के नाम से जाना जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल रहे पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया- भगवान राम की मूर्ति का नाम बालक राम रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है। अरुण दीक्षित वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर के भी पुजारी हैं। दीक्षित ने बताया कि पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

 

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.