Friday, September 20, 2024

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Delhi :लालकृष्ण आडवाणी को मिला “भारत रत्न”,पीएम मोदी बोले- उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जोड़ा

Lal Krishna Advani gets Bharat Ratna, PM Modi says he connected Indian democracy with nationalist ideologies

Lal Krishna Advani gets Bharat Ratna, PM Modi says he connected Indian democracy with nationalist ideologies 2 (  )के वरिष्ठ नेता (  Lal Krishna Advani ) को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न( Bharat Ratna) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। आडवाणी देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के तीसरे नेता हैं। साथ ही अब तक भारत रत्न से सम्मानित लोगों में वे 50वीं शख्सियत हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर कीं और लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी (  Lal Krishna Advani Ji)को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी।पीएम मोदी ने कहा कि आडवाणी जी ने भारतीय लोकतंत्र को राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जोड़ा।

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “मैं यह साझा कर के काफी खुश हूं कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी (  Lal Krishna Advani Ji)को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और उन्हें इस सम्मान को दिए जाने पर बधाई दी। वह हमारे समय के सबसे बड़े और सम्मानित जननेता रहे हैं। भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री के तौर पर काम करते हुए भी खुद को दूसरों से अलग किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय रहे हैं और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”

आडवाणी (  Lal Krishna Advani )ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।

1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।

वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

1980 की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत करने लगी। उधर आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा राम मंदिर आंदोलन का चेहरा बन गई। आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमनाथ से राम रथ यात्रा शुरू की थी।

आडवाणी अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा रथ यात्राएं निकाल चुके हैं। जिनमें ‘राम रथ यात्रा’, ‘जनादेश यात्रा’, ‘स्वर्ण जयंती रथ यात्रा’, ‘भारत उदय यात्रा’ और ‘भारत सुरक्षा यात्रा’ ‘जनचेतना यात्रा’ प्रमुख हैं।

लालकृष्ण आडवाणी (  Lal Krishna Advani )का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया।

1947 में आडवाणी देश के आजाद होने का जश्न भी नहीं मना सके क्योंकि आजादी के महज कुछ घंटों में ही उन्हें अपने घर को छोड़कर भारत रवाना होना पड़ा। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

आडवाणी ने भारत रत्न मिलने पर कहा- मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं जो आज मुझे प्रदान किया गया है। यह न सिर्फ एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है, जिनकी मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा करने की कोशिश की।

आडवाणी (  Lal Krishna Advani )ने कहा- जब से मैं 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुआ, तब से मैंने केवल एक ही कामना की है। जीवन में मुझे जो भी कार्य सौंपा गया है, उसमें अपने देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा की। जिस चीज ने मेरे जीवन को प्रेरित किया है वह आदर्श वाक्य है ‘इदं न मम’ ─ ‘यह जीवन मेरा नहीं है, मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।

‘उन्होंने कहा, आज मैं उन दो व्यक्तियों को कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं जिनके साथ मुझे करीब से काम करने का सम्मान मिला – पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी।आडवाणी ने सम्मान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को भी धन्यवाद दिया। साथ ही भाजपा संघ और दिवंगत पत्नी कमला आडवाणी को भी याद किया।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels