पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह( Vikramaditya Singh ) को उदयपुर कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। विक्रमादित्य सिंह को अपनी पत्नी को प्रतिमाह भरण पोषण के लिए चार लाख रुपये देने होंगे। उदयपुर (Udaipur ) पारिवारिक न्यायालय-3 ने यह अहम फैसला सुनाया है। विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ अक्टूबर 2022 में उनकी पत्नी सुदर्शना कुमारी ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र पेश किया था। इसके बाद न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया।
मंत्री विक्रमादित्य की पत्नी सुदर्शना सिंह राजसमंद के चूण्डावत आमेट रियासत परिवार से आती है। उन्होंने अक्टूबर 2022 में उदयपुर कोर्ट में घरेलू हिंसा एक्ट के तहत पति के खिलाफ परिवाद पेश किया था।
विक्रमादित्य सिंह ( Vikramaditya Singh ) और सुदर्शना की मार्च 2019 में जयपुर में शादी हुई थी। उनका परिवार शिमला में पूर्व राजघराने से है और पीहर भी 16 उमराव में से एक आमेट है। शादी के बाद पति-पत्नी दोनों के बीच आपसी मतभेद बढ़ते गए और पत्नी सुदर्शना ने ससुराल वालों पर परेशान करने का आरोप लगाया। कोविड महामारी के समय से दोनों अलग रह रहे थे। इसके बाद उदयपुर कोर्ट में वाद दायर किया गया।
सुदर्शना ने अपने पति विक्रमादित्य सिंह( Vikramaditya Singh ) , उनकी मां प्रतिभा सिंह, बहन और अन्य परिजनों के खिलाफ घरेलु हिंसा का आरोप लगाया था। इनके खिलाफ उदयपुर की दो अलग-अलग अदालतों में मामले लंबित थे। जिनमें पारिवारिक न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
सुदर्शना के मुताबिक उनके ससुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मौत के बाद पति विक्रमादित्य सिंह उन्हें प्रताडि़त करने लगे। जिसमें उनकी सास प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता तथा ननदोई अंगद सिंह पति का साथ देते थे। सुदर्शना ने यह भी आरोप लगाया कि पति विक्रमादित्य के चंड़ीगढ़ की एक युवती से संबंध हैं और वह उनसे शादी करना चाहते हैं। जिसका विरोध करने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। जिस पर वह उदयपुर लौट आई और यहां अपने पिता के घर रहने लगी।