छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ में विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज( Acharya Vidhyasagar Maharaj )ब्रम्हलीन हो गए हैं। जैन मुनि ने आज रात 2 बजकर 30 बजे समाधि (देह त्याग दी) ले ली है।
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ( Acharya Vidhyasagar Maharaj )के देह त्यागने से देशभर में शोक की लहर है। आचार्यश्री पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे। पिछले तीन दिन से उन्होंने अन्न जल त्याग दिया था। आचार्य अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए उन्होंने देह का त्याग किया।
समाधि के समय उनके पास पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज, श्री समतासागर जी महाराज, श्री प्रसादसागर जी महाराज संघ सहित उपस्थित थे। देश भर के जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों ने उनके सम्मान में आज एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है। सूचना मिलते ही आचार्यश्री के हजारों शिष्य डोंगरगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ( Acharya Vidhyasagar Maharaj )के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स कर लिखा- “मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सम्मान मिला। मैं पिछले साल के अंत में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय, मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था।

कुछ महीने पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात की थी, जिसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
आचार्य जी ( Acharya Vidhyasagar Maharaj )का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रांत के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरु आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज से मुनिदीक्षा ली थी। आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने उनकी कठोर तपस्या को देखते हुए उन्हें अपना आचार्य पद सौंपा था।
आचार्यश्री 1975 के आसपास बुंदेलखंड आए थे। वे बुंदेलखंड के जैन समाज की भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना अधिकांश समय बुंदेलखंड में व्यतीत किया। आचार्यश्री ने लगभग 350 दीक्षाएं दी हैं। उनके शिष्य पूरे देश में विहारकर जैनधर्म की प्रभावना कर रहे हैं।
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024